मानसून के मौसम में त्वचा का अच्छे से ख़याल रखना बहुत जरूरी है। बर्कशायर यूनाइटेड किंगडम के त्वचा रोग विशेषज्ञ तथा सुरे स्किनकेयर बर्कशायर के चिकित्सीय निदेशक डॉ संदीप सोएन बताते हैं की इस मौसम में किसी भी तरह की लापरवाही से संक्रमण और त्वचा रोग संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ETV भारत सुखीभवा को मानसून के मौसम में होने वाली समस्याओं के बारें में ज्यादा जानकारी देते हुए डॉ संदीप बताते हैं की मानसून के मौसम में वातावरण का त्वचा पर काफी ज्यादा असर पड़ सकता है, वही इस मौसम में बच्चों और बड़ों को अलग-अलग समस्याएं हो सकती हैं। आमतौर पर इस मौसम में जो समस्याएं सबसे ज्यादा परेशान करती हैं वह इस प्रकार हैं।
घमौरी (घमौरियां)
डॉ संदीप बताते हैं की यह बहुत ही सामान्य चर्म रोग है जो आमतौर पर उन स्थानों पर होता है जहां नमी ज्यादा रहती है और हवा आसानी से नहीं पहुँच पाती है, और जहां अधिक पसीना भी आता है। घमौरी में त्वचा पर उभरने वाले दाने बेहद खुजलीदार हो सकते हैं और कई बार इनमें दर्द भी महसूस हो सकता है। यहीं नही, समस्या ज्यादा होने पर कई बार लोगों को दानों के स्थान पर हल्के छाले भी हो सकते हैं। लेकिन आम तौर पर थोड़ी सावधानी बरतने पर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके इलाज के लिए ज्यादातर मामलों में चिकित्सीय मदद की जरूरत नही पड़ती है। घमौरियों से बचने का सबसे सबसे अच्छा उपाय है शरीर को ठंडा रखें और ढीले, या यदि संभव हो तो सूती कपड़े पहने। घमौरियां होने पर दानों पर कैलेमाइन लोशन तथा खुजली के लिए एंटीहिस्टामाइन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। लेकिन यदि घमौरियों के साथ सूजन भी हो तो उसे कम करने के लिए स्टेरॉयड क्रीम का उपयोग करना पड़ सकता है।
टिनिया क्रूरिस (जॉक खुजली- फंगल संक्रमण)
उमस भरे मौसम में यह समस्या भी आमतौर पर लोगों को परेशान करती है। यूं तो टिनिया संक्रमण या जॉक खुजली शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है लेकिन यह कमर तथा उसके आसपास के हिस्सों में ज्यादा होता है। यह संक्रमण बाहों, गर्दन और स्तन के आसपास भी हो सकता है। संक्रमण की शुरुआत में दाने आकार में छोटे होते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह आकार में तेजी से बढ़ सकते हैं और दाद के समान लाल व पपड़ीदार दानों में परिवर्तित हो सकते हैं। यह समस्या होने पर ढीले व हवादार कपड़े को पहनने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए। टिनिया के इलाज के लिए चिकित्सक एंटी फंगल क्रीम और टेबलेट का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं जो बाजार में आसानी से उपलब्ध रहती हैं।
मच्छर और अन्य कीटों के काटने से होने वाले त्वचा रोग
डॉ संदीप बताते हैं की जब मच्छर काटते हैं तो उनके काटने के स्थान पर बड़े गोल सूजे हुए से धब्बे कुछ समय के लिए बन जाते हैं। जिनमें तीव्र खुजली और जलन हो सकती है। ऐसी समस्या में एंटीहिस्टामाइन द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है। लेकिन समस्या यदि ज्यादा गंभीर होने लगे तो तत्काल चिकित्सक या केमिस्ट से सलाह लेनी चाहिए।