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सेहत और पाचन तंत्र, दोनों के लिए गुणकारी है बैठ कर भोजन करना

जमीन पर बैठ कर भोजन ग्रहण करने की परंपरा हमारी भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है. लेकिन आधुनिकता के प्रभाव में ज्यादातर लोग इस परंपरा को ना तो मानते है और ना ही निभाते है. लेकिन चिकित्सकों और जानकारों का मानना है की जमीन पर बैठ कर भोजन करने से सिर्फ पाचन तंत्र ही नहीं, बल्कि हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य को फायदा पहुंचता है.

Benefits of sitting and eating
बैठ कर खाने के फायदे

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Published : Dec 13, 2020, 6:01 AM IST

बैठ कर खाना हमारे देश की पुरातन परंपरा रही हैं. हमारे बड़े बुजुर्ग भी हमेशा इसी बात पर जोर देते है की भोजन हमेशा बैठ कर और शांत मन से किया जाना चाहिए, तभी शरीर को उसका पोषण पूरी तरह से मिलता है. यही मानना चिकित्सकों का भी है. पोषण में पीएचडी प्राप्त तथा एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर में आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ. संगीता मालू के अनुसार हमारे खाने पीने की आदतें जैसे हम क्या खाते है, कैसे खाते हैं और किस मनःस्थिति के साथ खाते हैं, ये सभी बातें ना सिर्फ हमारी पाचन प्रक्रिया बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा असर डालती है.

खड़े होकर खाने से अवरोधित होती है पाचन प्रक्रिया

डॉ. संगीता बताती हैं की हम खड़े होने से ज्यादा बैठने में आराम महसूस करते हैं. जिससे हमारा शरीर और मन दोनों ही शांत महसूस करता हैं. वहीं बैठ कर भोजन ग्रहण करने से वह पाचन की सभी प्रक्रियाओं से गुजरता है, जिससे ना सिर्फ भोजन अच्छे से पचता है. साथ ही पाचन तंत्र पर जोर भी नहीं पड़ता है. वहीं यदि हम खड़े होकर भोजन करते हैं, तो धरती के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव के चलते भोजन तीव्र गति से शरीर में पाचन अंगों से गुजरता है. इस अवस्था में कई बार भोजन या तो सही तरीके से पचता नहीं है या फिर हमारे पाचन तंत्र का काम बढ़ा देता है. दोनों ही अवस्था में ना तो शरीर को भोजन का पूरा पोषण मिल पाता है और साथ ही पाचन तंत्र पर ही काफी नकारात्मक असर पड़ता है. जिसके परिणाम स्वरूप कई प्रकार के रोग भी शरीर में उत्पन्न हो सकते है.

खाते समय क्या हो बैठने का सही तरीका

डॉ. संगीता कहती हैं की अधिकांश लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना खाने को तवज्जो देते है, जो खड़े होकर खाने से बेहतर है. लेकिन भोजन सही समयावधि में पचे और शरीर को उसका सही और पूरा पोषण मिले इसके लिए बेहतर है की सुख आसन या पद्मासन यानि जमीन पर आलती पालती मार कर बैठ कर भोजन किया जाए. इस अवस्था में जमीन का गुरुत्वाकर्षण बल हमारी पाचन प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पाता है.

जमीन पर बैठ कर भोजन करने के फायदे

  • हृदय को स्वस्थ रखता है

जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण करने से शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है तथा हमारा हृदय बेहतर ढंग से काम कर पाता है.

  • मांसपेशियों में खिचाव से पाचन तंत्र बेहतर

भोजन करते समय जब हम सुखासन या पद्मासन में बैठते हैं, तो स्वाभाविक रूप से खाने के लिए थोड़ा आगे झुकते हैं और खाने को निगलने के लिए वापस अपनी पहले वाली अवस्था में आ जाते हैं. इस तरह आगे और पीछे की ओर झुकने से आपकी पेट की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं और उनमें खिंचाव उत्पन्न होता है. जिसके चलते हमारा पाचन तंत्र बेहतर ढंग से काम कर पाता है और तंदरुस्त भी रहता है.

  • जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है

पद्मासन और सुखासन मुद्राएं ना केवल पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में ही मदद करती हैं, बल्कि जोड़ों को लचीले बनाए रखने में भी मदद करती हैं. जोड़ों में लचीलापन बढ़ने से उनमें चिकनाई आती है. जिससे जमीन पर बैठने में आसानी होती है. साथ ही गठिया व हड्डियों की कमजोरी जैसे अपक्षयी रोगों से भी बचाव होता हैं.

  • वजन नियंत्रित रहता है

सुखासन या पद्मासन में बैठने से तंत्रिकाओं पर असर पड़ता है और मन शांत होता है. इसलिए लोग मेडिटेशन करते हुए भी ज्यादातर इन्ही मुद्राओं में ही बैठते हैं. इस अवस्था में बैठ कर खाने से एक ओर जहां भोजन बेहतर ढंग से पचता है. वहीं लोग जरूरत से ज्यादा भोजन नहीं कर पाते है, क्योंकि इस मुद्रा में पेट पर दबाव पड़ता है, जिसके चलते वजन नियंत्रित रहता है.

  • रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं से बचाता है

खाना खाने का यह पारंपरिक तरीका रीढ़ की हड्डी तथा पीठ से जुड़ी समस्याओं को दूर रखता है. जो लोग कंधों को पीछे धकेलते हुए गलत मुद्रा में बैठने के कारण किसी तरह के दर्द से परेशान होते हैं, वह समस्या भी इस आसन में बैठकर खाना खाने से दूर हो जाती है.

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