जैसा की सब जानते हैं की लोग कई तरह से अपने बाल रंगते हैं, हिना जैसे पारम्परिक तरीके अभी भी कई लोगों के बालों को सुर्ख बनाते हैं, लेकिन जहाँ लोग बरगंडी या सुनहरे या फिर एक दम काले बाल चाहते हैं तो वह रेडीमेड हेयर कलर्स की तरफ आकर्षित होते हैं। बाज़ार में उपलब्ध हेयर कलर में अमोनिया होता हैं जिसके बारे में यह कहा जाता है की इससे कई प्रकार की स्वस्थ सम्बन्धी समस्याएं होती हैं। तो आइये हम जानते हैं हमारे एक्सपर्ट सूर्या ब्रासिल से जो की क्लेलिए सिसिलिया के संस्थापक और कार्यकारी अधिकारी, की हमें अमोनिया रहित हेयर कलर को क्यों अपनाना चाहिए।
क्या करता हैं अमोनिया बालों के लिए ?
स्वभाव से एक क्षारीय रसायन, रंग प्रक्रिया के दौरान बालों के पीएच स्तर को बढ़ाने के लिए अमोनिया को पारंपरिक रूप से विभिन्न हेयर डाई में मिलाया जाता है। जैसे ही पीएच (PH) स्तर बढ़ता है, बालों के फाइबर के क्यूटिकल्स खुल जाते हैं, जिससे रंग कॉर्टेक्स में गहराई से प्रवेश कर जाता है, जो बालों का अंदरूनी हिस्सा होता है। अमोनिया का उपयोग करके बालों के प्राकृतिक रंगद्रव्य को भी हल्का किया जा सकता है, जिससे यह फिर से रंगने के लिए उपयुक्त हो जाता है।
अभी तक ऐसा कोई ठोस साबुत नहीं मिला हैं जिससे यह साबित हो की अमोनिया से कैंसर हो सकता है या फिर यह हार्मोन्स के साथ खिलवाड़ करता है, लेकिन यह बात पूर्ण रूप से साबित हो चुकी है की यह आंखों और गले में जलन पैदा करता है| इससे कुछ लोगों में साँस संबधी विकार हो सकते हैं जैसे साँस लेने में तकलीफ या फिर फेफड़ों से सम्बंधित सूजन। अधिक हानिकारक रसायनों और विषाक्त पदार्थों के मुकाबले अमोनिया को व्यापक रूप से मध्यम विषाक्त माना जाता है।
अमोनिया का उपयोग और इसके उप-उत्पाद
पारम्परिक रूप से अमोनिया का उपयोग पहले उन हेयर कलर में होता था जो पर्मनेंट माने जाते थे, मतलब जो लोग अपने बालों को हमेशा के लिए रंगना चाहते थे, क्योंकि जो अस्थायी रंग होते हैं उन्हें बालों की जड़ में जगह बनाने की ज़रूरत नहीं होती है।