सेक्स एडिक्शन एक ऐसी अवस्था है, जहां व्यक्ति का अपने विचारों तथा यौन व्यवहार पर से नियंत्रण कम हो जाता है और उसके दिमाग में हमेशा कामुक उत्तेजनाओं या सेक्स से भरे विचार रहते है, साथ ही उसे बार-बार यौन क्रिया करने की इच्छा होती है। जिससे उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ उसके सामाजिक और भावनात्मक व्यवहार पर भी काफी असर पड़ता है।
‘कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर डिसऑर्डर' हो सकता है सेक्स एडिक्शन
गौरतलब है की अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के (आइसीडी10) और अमेरिकन मनोचिकित्सक एसोसिएशन (एपीए) द्वारा सेक्स की लत को मानसिक विकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता था , जिसका कारण था- अलग-अलग लोगों में अलग-अलग सेक्स ड्राइव का होना। लेकिन अब इस थ्योरी में कुछ बदलाव लाया जा रहा है।
अगले वर्ष से लागू होने वाले आइसीडी11 में बताई गई सेक्स एडिक्शन नई परिभाषा के अनुसार जब कोई व्यक्ति अपनी लत पर नियंत्रण नहीं रख पाता है और बार-बार सेक्स के प्रति आकृष्ट होता है तो उसका यह बर्ताव उसके व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक जीवन को प्रभावित करता है तो इसे ‘कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर डिसऑर्डर’ माना जा सकता है।
मई 2019 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में प्रस्तुत किए गए आईसीडी11 के अनुसार छह महीने या उससे अधिक के समय में किसी व्यक्ति में यदि सेक्स के प्रति अनियंत्रित इच्छा हो रही हो, उसका अपनी इच्छाओं पर रोक ना हो तो इसका एक विकार के रूप में निदान किया जाना चाहिए।
क्या हैं सेक्स की लत और उसकी जटिलताएं
सेक्स एडिक्शन की गंभीरता के बारे में ETV भारत सुखीभव को विस्तार से जानकारी देते हुए वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. वीणा कृष्णन बताती हैं की इस लत के चलते पीड़ित व्यक्ति पोर्नोग्राफी और हस्तमैथुन का भी आदी हो जाता है। वहीं कई मामलों में व्यक्ति अपनी वासना को शांत करने के लिए एक से ज्यादा लोगों के साथ तथा वेश्यावृत्ति में लिप्त महिलाओं के साथ भी संबंध बनाने लगता है। इस समस्या के सही समय पर ज्ञात न होने की अवस्था और समय पर इलाज ना मिलने पर व्यक्ति अपनी लत से वशीभूत होकर यौन अपराधों में शामिल होने से भी खुद को रोक नहीं पाता है।
सेक्स एडिक्शन के कारण