गर्मी के मौसम को पीछे छोड़ के जब वर्षा ऋतु दस्तक देती है, तो उसके साथ बहुत सी बीमारियां भी आती है. इस दौरान संक्रमण के कारण कई बीमारियां होती है. इस बीमारियों से बचने के लिए लोगों को विभिन्न सावधानियां बरतनी चाहिए. सलाहकार चिकित्सक डॉ. राजेश वुक्काला ने ईटीवी भारत सुखीभवा के माध्यम से बारिश में होने वाली बीमारी और उनसे बचाव के बारे में विस्तार से बताया है.
मानसून में होने वाली बीमारी:
1.डायरिया: डायरिया को दस्त के नाम से भी जाना जाता है. इसमें अधिक शिथिल या अधिक मल पास होता है. ये माइक्रोबैकटेरियल इंफेक्शन के कारण होता है, जो 2-4 दिनों तक ही रहता है. दस्त होने से शरीर में मौजूद पानी का स्तर गिर जाता है.
⦁ प्रभाव-दस्त छोटे बच्चों, शिशुओं, कुपोषित लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए खतरनाक शाबित हो सकता है. विशेष आयु वर्ग के लोगों की मौत का कारण डायरिया होता है.
⦁ लक्षण-दस्त होने से आपके पेट में दर्द या ऐंठन होगी, फिर बुखार जिसके बाद पानी जैसा मल और मतली के साथ उल्टी होगी. इससे भूख नहीं लगेगी और निर्जलीकरण हो जाएगा.
⦁ कारण-मानसून में कई तरह के वायरस सक्रिय हो जाते है. अस्वस्थ खानपान और खराब आदतों के कारण वायरस शरीर में प्रवेश करता है और डायरिया होता है. दस्त होने के लिए मुख्य तौर पर रोटो वायरस/नोरोवायरस जिम्मेदार होते है.
⦁ उपाय-अपने आसपास की जगह को सैनिटाइज करें, अपने भोजन में स्वस्थ खानपान को शामिल करें, बासी खाना न खाएं, साफ-सफाई का ध्यान रखें और बाहरी खाने से बचें.
2.मच्छरोंका डर : मानसून के दिनों में मच्छरों के काटने से डेंगू, बुखार, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां होती है. वायरल संक्रमण 7-10 दिनों में ठीक होता है.
⦁ प्रभाव-इससे हर आयु वर्ग प्रभावित होता है. खासकर कमजोर प्रतिरक्षा वाले या झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले इससे ग्रसित होते है. कलेजा और गुर्दा के खराब होने में वायरस जिम्मेदार होता है.