नई दिल्ली: रोबोट की मदद से सर्जरी दुनिया भर में अपनी जगह बना रही (Robot assisted surgery in world) है. रोबोटिक सर्जरी में उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल तक पहुंच बढ़ाकर और लागत कम करके भारत में स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने की क्षमता है. यह बात अमेरिका स्थित वट्टीकुटी फाउंडेशन के सीईओ व इस क्षेत्र में अग्रणी डॉ. महेंद्र भंडारी ने शनिवार को कही. रोबोटिक अनुसंधान और शिक्षा, वट्टीकुटी यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट, हेनरी फोर्ड अस्पताल, डेट्रोइट (मिशिगन) के निदेशक पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. भंडारी ने आईएएनएस को बताया कि हालांकि रोबोट सर्जिकल उपकरणों में प्रारंभिक निवेश महंगा हो सकता है, लेकिन मरीज के अस्पताल में रुकने की अवधि कम कर, तेजी से ठीक कर और जटिलताओं में कमी कर स्वास्थ्य देखभाल की कुल लागत कम कर देती है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रोबोटिक सर्जरी की लागत-प्रभावशीलता प्रक्रिया के प्रकार, रोगी के चिकित्सा इतिहास और कुशल रोबोटिक सर्जनों की उपलब्धता सहित कई कारकों पर निर्भर करती है. डॉ. भंडारी ने जोर देकर कहा कि जहां रोबोटिक सर्जरी में चिकित्सा देखभाल तक पहुंच बढ़ाकर और संभावित रूप से लागत कम करके भारत में स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने की क्षमता है, वहीं यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि तकनीक का उचित उपयोग किया जाए और मरीजों को पूरी तरह से प्रशिक्षित सर्जनों से उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल मिले.
उन्होंने आईएएनएस को बताया, वट्टीकुटी फाउंडेशन के मिशनों में से एक अपने फेलोशिप कार्यक्रमों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले रोबोटिक सर्जनों को प्रशिक्षित करना है. रोबोटिक सर्जरी में, सर्जन सर्जिकल उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए एक कंप्यूटर नियंत्रित रोबोटिक प्रणाली का उपयोग करता है, जिसे छोटे चीरों के माध्यम से रोगी के शरीर में डाला जाता है. पारंपरिक सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी के कई संभावित लाभ हैं, इसमें रोगी को कम आघात, बढ़ी हुई सटीकता, कम अस्पताल में रहना और संक्रमण का कम जोखिम शामिल है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रोबोटिक सर्जरी सहित किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया से जुड़े संभावित जोखिम हैं.
इन जोखिमों में संज्ञाहरण, रक्तस्राव, संक्रमण और अन्य सर्जिकल जटिलताओं से संबंधित जटिलताएं शामिल हो सकती हैं. इसके अतिरिक्त, प्रक्रिया के दौरान उपकरण की विफलता या खराब होने का जोखिम हो सकता है. हेनरी फोर्ड अस्पताल डेट्रायट में वट्टीकुटी यूरोलॉजी संस्थान में रोबोटिक सर्जरी का बीड़ा उठाया गया था, जहां डॉ मणि मेनन ने 2001 में दुनिया में बहुत ही सफल रोबोटिक रेडिकल प्रोस्टेटक्टोमी कार्यक्रम शुरू किया था. वट्टीकुटि यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट, वट्टीकुटी फाउंडेशन द्वारा राज और पद्मा वट्टीकुटी द्वारा 20 मिलियन डॉलर के उदार अनुदान के साथ स्थापित किया गया पहला संस्थान है.