इतने महीनों के बीत जाने के बाद कोरोना अपनी रफ्तार पकड़े हुए है. हालांकि लोगों में जागरूकता बढ़ी है, वे अपनी सेहत का ज्यादा ख्याल रख रहें हैं. लेकिन ऐसे लोग जो किसी विशेष सर्जरी या बीमारियों के चलते दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, उनके लिए इस कोरोना काल में स्वयं का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो गया है. अस्थमा जैसी सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए तो सावधानी इलाज जितनी ही जरूरी बन गई है. क्योंकि कोरोना का सबसे बुरा असर सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों पर ही पड़ता है. कोरोना के दौर में अस्थमा के मरीजों को अपनी सेहत को लेकर किस तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है. इस बारे में ETV भारत सुखीभवा टीम ने डॉ. संजय जैन से बात की.
क्या है अस्थमा
डॉ. संजय बताते है की अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिसमें सांस की नली में सूजन आ जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है. इसके अलावा श्वास नली में अतिरिक्त कफ बनने लगता है, सांस लेने में तकलीफ के चलते लगातार खांसी आने लगती है, और नलियों के सिकुड़ जाने से दम फूलने लगता है.
कोरोना और अस्थमा
अस्थमा सहित फेफड़ों या श्वास संबंधी गंभीर बीमारी वाले लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा है. क्योंकि यह नाक, गले या फेफड़ों के साथ हमारे पूरे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. कोरोना के चलते श्वास संबंधी रोग अपने चरम पर पहुंच जाते हैं, जिससे अस्थमा का अटैक या गंभीर निमोनिया हो सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है. इसलिए जब तक कोरोना का प्रकोप जारी है, अस्थमा के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. इसके अलावा भी खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए.
क्या करें अस्थमा के मरीज
डॉ. संजय बताते है की ज्यादा इस्तेमाल में आने वाली चीजों को साफ और संक्रमण मुक्त रखना बहुत जरूरी है. इनमें दरवाजों के हैंडल (डोरनॉब), लाइट स्विच, मोबाइल फोन वगैरह शामिल हैं. उन लोगों से दूरी बनाकर रखें जिन्हें फ्लू या सर्दी-जुकाम है. साथ ही कपड़े और तौलिया जैसी निजी इस्तेमाल में आने चीजों को किसी के साथ साझा ना करें.
अस्थमा के मरीजों को वैसे ही धूम्रपान नहीं करना चाहिए, लेकिन यदि कोई करता भी है, तो आजकल उससे दूरी बनाएं. यदि कोई और भी आपके आसपास सिगरेट या हुक्के का सेवन कर रहा है, तो उससे दूरी बना कर रखे. मौसम में बदलाव से एलर्जी बढ़ती है, और वैसे भी आजकल बारिश का मौसम चल रहा है, जोकि एलर्जी का मौसम कहलाता है, ऐसे में एलर्जी को काबू में रखने के लिए चिकित्सक द्वारा दी गई दवाइयों का सेवन करें.
डॉ. संजय बताते हैं की तनाव से भी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है. ऐसे में तनाव से दूर रहने की कोशिश करें, योग और व्यायाम का नियमित अभ्यास करें. पौष्टिक और संतुलित भोजन लें. खूब फल और सब्जियां खाएं. इनहेलर, और एंटी एलर्जिक दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करते रहें. और जब तक जरूरी ना हो भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें.