सर्दी के मौसम की नींद भरी सुबह और आलसभरी दोपहर में दफ्तर जाकर काम करने वाले ज्यादातर लोगों की दिनचर्या काफी सुस्त हो जाती है. इस मौसम में ज्यादातर लोग स्वयं में आलस की अधिकता तथा ऊर्जा में कमी पाते है. सर्दी के मौसम से बेअसर होकर कैसे कामकाजी लोग अपनी दिनचर्या को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं इस बारें में वेल्नस पोर्टल जैविक इंडिया की संस्थापक तथा एक्सपर्ट नंदिता शर्मा ने ईटीवी भारत सुखीभवा की टीम के साथ वेलनेस टिप्स सांझा किया.
सुबह की सही शुरुआत जरूरी
नंदिता शर्मा बताती है की सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग देर तक सोना पसंद करते है, लेकिन ऊर्जा से भरपूर दिनचर्या के लिए जरूरी है की सूर्योदय तक बिस्तर छोड़ दिया जाए. सुबह जल्दी उठने की आदत सेहत के लिए तो अच्छी होती है साथ ही इस आदत से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भी उत्पन्न होती है. सुबह के समय यदि संभव हो तो मॉर्निंग वॉक, नहीं तो हल्का फुल्का व्यायाम या स्ट्रेचिंग शरीर की सुस्ती और आलस को दूर भागता है.
ध्यान तथा सकारात्मक सोच
मेडिटेशन या ध्यान न केवल आपके तनाव को कम करता है बल्कि शरीर और मस्तिष्क में ऊर्जा का संचरण भी करता है. साथ ही यह काम के प्रति एकाग्रता बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है. इसके अतिरिक पॉजिटिव थिंकिंग यानी सकारात्मक सोच भी हमारे व्यवहार को प्रभावित करती है. यह सोच की सब कुछ सही होगा, न सिर्फ हमें अपने कार्य को बेहतर ढंग से करने तथा विपरीत परिसतिथियों में समस्याओं को सही ढंग से समझ कर तथा उनका निवारण करने में मदद करती है.
हल्का-फुल्का तथा सुपाच्य आहार
सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोग तेज मसालों और घी-तेल से भरपूर भोजन यानि गारिष्ठ भोजन पसंद करते है. ऐसा भोजन कभी- कभी के लिए ठीक है लेकिन रोजमर्रा में नियमित अंतराल पर हल्का-फुल्का तथा सुपाच्य भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. ऐसा करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहेगा तथा आलस में कमी आएगी.