स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) में एनेस्थीसिया और गहन देखभाल विभाग के प्रमुख जी.डी. पुरी ने कहा कि यदि दवा का तर्कसंगत उपयोग किया जाना है, तो इसे कोविड-19 से संक्रमित होने के पहले सात से आठ दिनों के भीतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसका इस्तेमाल सिर्फ ऐसे मरीजों पर किया जाना चाहिए, जिसकी सांस से कमरे में हवा के हाइपोक्सिया विकसित होते हों, यानी जिसकी ऑक्सीजन संतृप्ति 94 प्रतिशत से कम हो।
रेमेडिसविर कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अमेरिकी एफडीए द्वारा अनुमोदित पहली दवा थी।
उन्होंने कहा, "यह उन रोगियों के लिए 10 दिनों के बाद फायदेमंद होने की संभावना नहीं है, जो पहले से ही वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। इस दवा में गुर्दे को खराब करने की क्षमता है और इससे अतालता (एनहायथमिया) हो सकती है, इसलिए इसे सावधानी के साथ और सख्त निगरानी में उपयोग करने की जरूरत है। इसलिए रेमेडिसविर का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।"
पुरी ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों में मृत्युदर को कम करने के लिए निश्चित प्रभाव वाली एकमात्र दवा स्टेरॉयड (डेक्सामेथासोन) है, जो तभी फायदेमंद होती है, जब कोविड पॉजिटिव मरीज हाइपोक्सिया विकसित करता है।
डॉक्टर ने चेतावनी दी कि रूम एयर हाइपोक्सिया विकसित ना कर पाने वाले रोगियों में स्टेरॉयड का उपयोग मृत्युदर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है। स्टेरॉयड का उपयोग भी चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।