शरीर व मन को स्वस्थ, शांत तथा ऊर्जावान रखने के लिए आजकल लोगों में कई देसी- विदेशी, पारंपरिक, आध्यात्मिक, आधुनिक व वैकल्पिक पद्धतियों को अपनाने का चलन बढ़ रहा है. ऐसी ही एक पद्धति है रेकी. रेकी को (Reiki healing method) एक आध्यात्मिक हीलिंग थेरेपी (Spiritual healing therapy) माना जाता है . हालांकि यह किसी धर्म से संबंधित नहीं है. इस हीलिंग पद्धति का आधार शरीर तथा आसपास की ऊर्जा को माना जाता है. यह एक पारंपरिक जापानी पद्धति (Traditional Japanese healing method) है जिसमें शरीर की ऊर्जा को सक्रिय करके या बढ़ाकर कई शारीरिक व मानसिक समस्याओं से बचाव किया जाता है. इस पद्धति के जानकार मानते हैं कि रेकी की मदद से सिर्फ शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को ही दूर नही किया जा सकता है बल्कि इस थेरेपी में एक तरह से शरीर को खुद की ऊर्जा से बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है.
क्या है रेकी हीलिंग: दिल्ली की रेकी हीलर विशाखा मणि त्रिपाठी (Visakha Mani Tripathi Reiki healer Delhi) बताती हैं कि रेकी हीलिंग थेरेपी में शरीर तथा आसपास की ऊर्जा का इस्तेमाल करके शरीर व मन को ऊर्जावान तथा निरोगी बनाया जा सकता है. इस थेरेपी का मुख्य उद्देश्य शरीर व मन को शांत करना, शरीर की ऊर्जा को समझना तथा शरीर व मन को (Keep the body and mind healthy) स्वस्थ बनाए रखने के लिए उसे सही तरह से इस्तेमाल करना तथा किसी भी रोग या समस्या से बचाव के लिए शरीर को प्राकृतिक रूप से (Make the body strong naturally) मजबूत बनाना हैं.
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वह बताती हैं कि हमारे शरीर में कई ऊर्जा केंद्र होते हैं, जिन्हे हीलिंग के दौरान हाथों स्पर्श से नियंत्रित किया जाता है. साथ ही इस दौरान शरीर में सात चक्रों, मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र और सहस्रार (Energy of the seven chakras, Muladhara chakra, Swadhisthana chakra, Manipura chakra, Anahata chakra, Vishuddha chakra, Ajna chakra and Sahasrara chakra) चक्र की ऊर्जा को भी नियंत्रित तथा संतुलित किया जाता है.
विशाखा मणि त्रिपाठी (Reiki healer Visakha Mani Tripathi) बताती हैं कि इस ब्रह्मांड में, हमारे आसपास हर वस्तु में यहां तक की हर व्यक्ति में ऊर्जा पाई जाती है. यानी हमारे चारों तरफ ऊर्जा का एक औरा यानी (Energy aura) चक्र होता है, जिसे एनर्जी साइकिल (Energy cycle) कहा जाता जाता है. रेकी हीलर जब किसी व्यक्ति की हीलिंग करता है तो वह अपनी सकारात्मक ऊर्जा के साथ ब्रह्मांड की सकारात्मक ऊर्जा को भी हीलिंग लेने वाले व्यक्ति में स्थानांतरित करता है जिससे ना सिर्फ उसका तनाव दूर होता है, मन शांत होता है साथ ही उसकी कई समस्याओं या दर्द में भी उसे आराम मिल सकता है. इस थेरेपी में हीलर हीलिंग लेने वाले व्यक्ति के शरीर के किसी हिस्से को स्पर्श करके या त्वचा से थोड़ी दूरी पर हाथ रखकर उसके शरीर में ऊर्जा संचारित करता है. इस प्रक्रिया के दौरान हीलिंग लेने वाला व्यक्ति हीलर के हाथ की गर्मी अपनी त्वचा पर महसूस करता रहता है. बहुत से लोगों को इस दौरान त्वचा पर झुनझुनी जैसा भी महसूस होता है.