ज्यादा वजन को चिकित्सक तथा जानकार हमेशा से ही एक बड़ी समस्या मानते हैं. सामान्यतः लोग इसके लिए जरूरत से ज्यादा फैट यानी वसा के सेवन को जिम्मेदार मानते हैं. ज्यादा तला भुना भोजन, जंक फूड तथा प्रोसेस्ड फूड आदि के सेवन को आमतौर पर शरीर पर चर्बी यानी फैट बढ़ने तथा उसके चलते वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं वजन बढ़ने के लिए हमेशा फैट वेट ही जिम्मेदार नही होता है. कई बार शरीर में अतिरिक्त पानी जमा होने के कारण बढ़ने वाले वॉटर वेट से भी शरीर का वजन बढ़ जाता है.
क्यों है पानी जरूरी
दिल्ली की खाद्य व पोषण विशेषज्ञ डॉ नियती विलियम बताती हैं कि शरीर का वॉटर वेट बढ़ने का मतलब यह नही है कि आप बहुत ज्यादा पानी या तरल पदार्थ पीते हैं. दरअसल हमारे शरीर में लगभग दो तिहाई हिस्सा पानी या तरल पदार्थ से बना होता है. हमारे रक्त में भी 80 से ज्यादा प्रतिशत पानी ही होता है. हमारे शरीर में अंगों की देखभाल तथा शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन पहुँचाने के काम में पानी की भूमिका प्रमुख होती है. हमारी हड्डियों, दांत, त्वचा तथा मस्तिष्क में भी पानी मौजूद होता है. पाचन तंत्र, नेत्रों, रक्त तथा किडनी सहित शरीर के सभी अंगों के सफल संचालन के लिए पानी बहुत जरूरी है. लेकिन कई बार शरीर के कुछ विशेष अंगों में अलग अलग कारणों से पानी ज्यादा मात्रा में एकत्रित होने लगता है जिसके चलते शरीर का वॉटर वेट बढ़ने लगता है.
वॉटर वेट बढ़ने के कारण
शरीर में वॉटर वेट बढ़ने के लिए कई कारणों को जिम्मेदार माना जा सकता हैं जिनमें से खानपान में असंतुलन व अनियमितता तथा शारीरिक असक्रियता सबसे प्रमुख है. इसके अलावा कुछ रोगों में, व्यायामना करने पर , ज्यादातर समय बैठे या लेटे रहने, जरूरत से ज्यादा आलस्यपूर्ण जीवनशैली जीने तथा गर्भावस्था की अवस्था में भी शरीर में वॉटर रिटेन्शन बढ़ सकता है जिसके चलते शरीर का वाटर वेट बढ़ सकता है. वाटर वेट बढ़ने के लिए कुछ और कारणों को जिम्मेदार माना जा सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और सोडियमयुक्त आहार का सेवन
- नॉन स्टेरोडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयों का सेवन
- ह्रदय रोग तथा हार्मोनल समस्याएं
- महिलाओं में मेन्स्ट्रल ओडेमा
- प्रोटीनका कम मात्रा में सेवन
- गर्भनिरोधक दवाइयां का लंबे समय तक इस्तेमाल