सर्दियों का मौसम फलों और सब्जियों का मौसम कहलाता है. इस मौसम में बाजार में तरह-तरह की हरी सब्जियां ही नहीं, बल्कि बहुत से फल भी मिलते हैं. इस मौसम में इनके अलावा ऐसे बहुत से हर्ब्स भी मिलते हैं जो सेहत को दुरुस्त रखने और उसे मजबूत बनाने में काफी फायदेमंद हो सकते हैं. ऐसा ही एक गुणकारी हर्ब है कच्ची हल्दी.
सेहत के साथ सुंदरता भी बढ़ा सकती है कच्ची हल्दी
पिसी हुई हल्दी हमारी मसालेदानी का सबसे खास मसाला होता है, जिसका उपयोग हमारे भारतीय खाने में हर सब्जी दाल में किया जाता है. हल्दी में सेहत को लाभ पहुंचाने वाले ही नहीं बल्कि बीमारियों से दूर रखने वाले गुण भी मौजूद होते हैं. यहां तक की किसी चोट या घाव पर हल्दी के उपयोग को काफी लाभकारी माना जाता है. हल्दी वैसे तो हर रूप में फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन सूखी हुई सामान्य हल्दी के मुकाबले कच्ची हल्दी का सेवन हर लिहाज से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. देखने में अदरक जैसी दिखने वाली कच्ची हल्दी सर्दियों के मौसम में बाजार में आराम से मिल जाती है.
आयुर्वेद में कच्ची हल्दी फायदे
भोपाल के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर राजेश शर्मा बताते हैं कि हमारी प्रकृति मौसम की जरूरत के अनुसार हमारे लिए ऐसे सभी संसाधन उपलब्ध कराती है जो हमें ना सिर्फ हर मौसमी बल्कि आम तथा गंभीर, सभी तरह की समस्याओं से बचाने में मदद कर सकती है.
सभी जानते हैं कि अलग-अलग मौसम में ऐसी सब्जियां, फल तथा हर्ब्स मिलते है जो उस मौसम में शरीर की जरूरत को पूरा करने में लाभकारी होते हैं. जैसे गर्मियों के मौसम में ऐसे फल,सब्जियां तथा हर्ब्स मिलते है जो शरीर को उस मौसम की जरूरत के अनुसार पोषण पहुंचाने में मदद करते हैं, शरीर में पानी की कमी को कम करने तथा सरलता से पचने वाले होते हैं. वहीं सर्दियों के मौसम में चूंकि संक्रमण तथा बीमारियों के होने की आशंका ज्यादा होती है ऐसे में इस मौसम में ऐसे फल, सब्जियां तथा हर्ब्स दा मिलते हैं जिनमें ऐसे पोषण तथा गुणों की मात्रा ज्यादा होती है जो इस मौसम में ना सिर्फ रोगों से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बना सकते हैं. बल्कि शरीर को जरूरी मात्रा में पोषण भी पहुंचाते हैं. कच्ची हल्दी भी ऐसा ही एक हर्ब है. जिसे नियंत्रित मात्रा में आहार में शामिल करने से शरीर को कई समस्याओं से बचाया जा सकता है.
कच्ची हल्दी के पोषक तत्व
वह बताते हैं कि सिर्फ कच्ची हल्दी के सेवन से ही नहीं बल्कि कई समस्याओं में इसका बाहरी उपयोग भी कई समस्याओं में राहत दिलाता है. दरअसल हल्दी कुर्कुमा लौंगा पौधे की जड़ होती है और इसे हरिद्रा भी कहा जाता है. कच्ची हल्दी में सामान्य हल्दी के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं. आयुर्वेद में इसे जड़ी बूटी माना जाता है तथा इसका इस्तेमाल कई औषधियों तथा उपचार में किया जाता है वहीं आधुनिक चिकित्सा पद्दती में भी इसके गुणों को माना जाता हैं. गौरतलब है कि हल्दी में वात कफ दोषों को कम करने वाले गुण होते हैं और यह शरीर में खून बढ़ाने में मदद करती है.
कच्ची हल्दी में पाए जाने वाले पोषक तत्व की बात करें तो इसमें विटामिन सी, विटामिन बी6 व के, पोटेशियम, सोडियम, डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, फास्फोरस, थियामिन तथा राइबोफ्लेविन आदि पोषक तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी तथा एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें करक्यूमिन नामक तत्व भी पाया जाता है जिसका संतुलित मात्रा में सेवन सेहत को काफी लाभ पहुंचा सकता है.
कच्ची हल्दी के फायदे
वह बताते हैं कि कच्ची हल्दी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ ही सर्दी-जुकाम, खांसी जैसे मौसमी संक्रमण से बचाती है. इसके अलावा भी कच्ची हल्दी के सेहत के लिए कई फायदे हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं....
- इसमें पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर को संक्रमण से बचाने में तो मदद करते ही हैं, साथ ही यदि मौसमी संक्रमण की चपेट में आ ही जाए तो उससे ठीक होने में भी मदद करते हैं.
- इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी गुण चोट तथा घाव को जल्दी भरने में तथा शरीर में किसी प्रकार की सूजन को दूर करने में काफी लाभकारी होते हैं.
- हृदय संबंधी समस्याओं, स्ट्रोक, मोटापे और मधुमेह जैसी समस्याओं में इसका सेवन काफी लाभकारी होता है.
- यह वजन तथा मोटापा कम करने में तथा हमारे बॉडी मास इंडेक्स को संतुलित रखने में मददगार होती है.
- कच्ची हल्दी का सेवन पाचन शक्ति को भी दुरुस्त रखता है तथा गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से बचा सकता है.
- कच्ची हल्दी का सेवन रक्त से टॉक्सिन को हटाकर प्राकृतिक तौर पर खून को साफ करने में भी मदद करता है.
- जोड़ों के दर्द तथा गठिया में काफी राहत देती है.
- तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में भी मददगार रहती है.
- मुंह व दांतों संबंधी कई समस्याओं में राहत मिल सकती है.
- इसके अलावा बवासीर, महिलाओं में लिकोरिया या प्रदर की समस्या में, स्तन संबंधी समस्याओं में तथा कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं में इसके इस्तेमाल तथा सेवन से राहत मिल सकती है.
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