नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार (MoS Bharti Pravin Pawar) ने मंगलवार को मुंबई में अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट कॉन्क्लेव (Early Childhood Development Conclave), पालन 1000 नेशनल कैंपेन (Palan 1000 National Campaign) और पेरेंटिंग ऐप (Parenting app) को वर्चुअली लॉन्च किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने 2014 के बाद से बाल मृत्यु दर को 45 प्रति 1000 जीवित जन्मों से कम करके 2019 में प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 35 करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं.
एक बच्चे के जीवन के शुरूआती चरणों के महत्व पर जोर देते हुए क्योंकि इसका प्रभाव जीवन भर रह सकता है, पवार ने कहा, एक बच्चे के मस्तिष्क के विकास की प्रक्रिया गर्भावस्था के दौरान शुरू होती है और एक गर्भवती महिला के स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरण (Pregnancy and a pregnant woman's health) से प्रभावित होती है. जन्म के बाद, अलग शारीरिक विकास से, एक मानव बच्चे के मस्तिष्क का विकास उसके भविष्य के स्तर की बुद्धि और जीवन की गुणवत्ता का मार्ग प्रशस्त करता है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा का प्रत्येक दिन विशेष है और बच्चे के विकास, बढ़ने और सीखने के तरीके को प्रभावित करता है- न केवल अभी, बल्कि उसके पूरे जीवन के लिए यह जरूरी है. उन्होंने कहा कि बच्चे के अस्तित्व को अलग-थलग नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह मां के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है.
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शुरूआती 1000 दिन महत्वपूर्ण : स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार (Union Minister of State for Health Bharti Pravin Pawar) ने कहा, इसलिए, कंटिन्यूम ऑफ केयर (Concept of Continuum of Care) की अवधारणा, जो बच्चे के अस्तित्व में सुधार के लिए महत्वपूर्ण जीवन चरणों के दौरान देखभाल पर जोर देती है, का पालन राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है. पवार ने आगे कहा कि पहले 1000 दिन बच्चे के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, संज्ञानात्मक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए एक ठोस मंच स्थापित करते हैं.