हमेशा से चिकित्सक और जानकार लोगों को कम से कम चीनी के सेवन की सलाह देते आए हैं, क्योंकि चीनी स्वास्थ्य के लिहाज से ज्यादा फायदेमंद नहीं होती है, वहीं ज्यादा मात्रा में इसका सेवन सेहत को नुकसान पहुंचाता है। चीनी के अधिक सेवन से रक्त में नुकसानदायक वसा तथा ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाते हैं, जिससे स्ट्रोक और हृदय रोग होने खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसकी वजह से ही मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है, क्योंकि चीनी रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ा देती है।
चीनी मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, अवसाद, तनाव से लेकर डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकती है। यही नहीं, चीनी से ओबेसिटी यानी मोटापे का खतरा भी बढ़ता है। इसके अलावा और भी कई बीमारियों में चीनी का इस्तेमाल ट्रिगर का कार्य करता है। चीनी के मुकाबले ऑर्गेनिक शुगर यानी देसी खांड को हमेशा से ही ज्यादा सेहतमंद और स्वादिष्ट माना जाता है। ETV भारत सुखीभवा अपने पाठकों के साथ सांझा कर रहा है, देसी खांड के फायदे और उससे जुड़ी अधिक जानकारियां।
खांड में मिलने वाले पोषक तत्व
वैसे तो देसी खांड भी चीनी की भांति ही गन्ने के रस से बनती है, लेकिन चीनी को ज्यादा सफेद बनाने के लिए उसे ज्यादा परिष्कृत यानी रिफाइंड किया जाता है, जिससे उसके अंदर मौजूद फाइबर और पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। खांड गन्ने के रस का कम परिष्कृत स्वरूप होता है। गन्ने के रस से सबसे पहले खांड ही तैयार की जाती है, जिससे इसमें पोषक तत्वों की मात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। पारंपरिक देसी खांड में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसमें पोषण (प्रति 100 ग्राम), कैल्शियम- 12 mg, मैग्नीशियम- 2 mg, पोटैशियम- 29 mg और आयरन- 0.37 mg होता है।