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सेहत और स्वाद दोनों के लिए बेहद फायदेमंद है देसी खांड

मिठाइयों की मिठास लोगों के मन को खुश कर देती है। चाय, काफी या शर्बत की हल्की सौंधी मिठास लोगों की थकान दूर करती है। आमतौर पर लोग खाने पीने के समान में मिठास के लिए चीनी का उपयोग करते हैं, जो कई बार सेहत के लिए नुकसानदायक भी होती है। हमारी हिन्दुस्तानी देसी खांड, चीनी का एक बेहतर विकल्प मानी जाती है, जो सेहत और स्वाद दोनों के लिहाज से बेहतर होती है।

Benefits of Organic Muscovado
देसी खांड के फायदे

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Published : Apr 30, 2021, 11:12 AM IST

हमेशा से चिकित्सक और जानकार लोगों को कम से कम चीनी के सेवन की सलाह देते आए हैं, क्योंकि चीनी स्वास्थ्य के लिहाज से ज्यादा फायदेमंद नहीं होती है, वहीं ज्यादा मात्रा में इसका सेवन सेहत को नुकसान पहुंचाता है। चीनी के अधिक सेवन से रक्त में नुकसानदायक वसा तथा ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाते हैं, जिससे स्ट्रोक और हृदय रोग होने खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसकी वजह से ही मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है, क्योंकि चीनी रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ा देती है।

चीनी मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, अवसाद, तनाव से लेकर डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकती है। यही नहीं, चीनी से ओबेसिटी यानी मोटापे का खतरा भी बढ़ता है। इसके अलावा और भी कई बीमारियों में चीनी का इस्तेमाल ट्रिगर का कार्य करता है। चीनी के मुकाबले ऑर्गेनिक शुगर यानी देसी खांड को हमेशा से ही ज्यादा सेहतमंद और स्वादिष्ट माना जाता है। ETV भारत सुखीभवा अपने पाठकों के साथ सांझा कर रहा है, देसी खांड के फायदे और उससे जुड़ी अधिक जानकारियां।

खांड में मिलने वाले पोषक तत्व

वैसे तो देसी खांड भी चीनी की भांति ही गन्ने के रस से बनती है, लेकिन चीनी को ज्यादा सफेद बनाने के लिए उसे ज्यादा परिष्कृत यानी रिफाइंड किया जाता है, जिससे उसके अंदर मौजूद फाइबर और पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। खांड गन्ने के रस का कम परिष्कृत स्वरूप होता है। गन्ने के रस से सबसे पहले खांड ही तैयार की जाती है, जिससे इसमें पोषक तत्वों की मात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। पारंपरिक देसी खांड में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसमें पोषण (प्रति 100 ग्राम), कैल्शियम- 12 mg, मैग्नीशियम- 2 mg, पोटैशियम- 29 mg और आयरन- 0.37 mg होता है।

कैसे बनती है खांड?

गुड़ और चीनी की तरह देसी खांड भी गन्ने के रस से ही बनती है। लेकिन चीनी की भांति इसे ज्यादा शुद्ध नहीं किया जाता है। देसी खांड को बिना केमिकल के तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने के रस को गर्म करके लगभग 3 दिनों तक मशीन के जरिए हिलाया जाता है। इसके बाद देसी गाय के दूध से इसका मैल अलग किया जाता है।

फिर देसी घी में खांड की काफी देर तक घुटाई की जाती है। देसी खांड सारे पोषक तत्वों से पूर्ण होता है। देसी खांड में किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और इसीलिए ये चीनी से बेहतर विकल्प होता है। दरअसल किसी भी खाद्य पदार्थ को जितनी ज्यादा बार शुद्ध किया जाता है, उतने ही उसके पोषक तत्वों में कमी होती जाएगी।

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खांड के फायदे

  1. खांड में मौजूद कैल्शियम से आपकी हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं और मस्तिष्क की गतिविधियां भी सुचारु रहती है।
  2. इसमें मिलने वाले मैग्नीशियम नसों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्यकारी होते हैं। इंसुलिन के स्राव में भी मैग्नीशियम आवश्यक है।
  3. खांड में फाइबर होता है, जो कि पेट की सफाई के साथ-साथ आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी जीवाणुओं को बनाये रखने में मदद करते है।
  4. खांड में मौजूद आयरन खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा को संतुलित करता है और एनीमिया से छुटकारा दिला सकता है।
  5. साथ ही यह शरीर को ठंडक प्रदान करने का भी कार्य करता है।
  6. देसी खांड ना सिर्फ मधुमेह, जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से बचाता है, बल्कि ये वजन घटाने में भी कारगर है।

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