चिकित्सक मानते हैं कि यदि कोई महिला गर्भधारण का प्रयास कर रही है तो उसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है पोषक तत्वों से भरा संतुलित आहार. जिससे उसका शरीर स्वस्थ रहे और प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सके. जिससे उसकी ओवेल्यूशन प्रक्रिया बेहतर हो सके.
वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विजयालक्ष्मी बताती हैं कि प्रजनन क्षमता और पोषण में बहुत गहरा संबंध होता है. सिर्फ यही नहीं महिलाओं के आहार की मात्रा, वजन, धूम्रपान या नशे की आदत शरीर में हार्मोन्स में असंतुलन पैदा कर सकती है, जो बांझपनका कारण भी बन सकता है.
संतुलित और संपूर्ण पोषण से भरपूर भोजन जरूरी
दिल्ली की आहार व पोषण विशेषज्ञ डॉ. दिव्या शर्मा बताती हैं कि गर्भधारण के लिए प्रयास कर रही महिलाओं के भोजन में भरपूर मात्रा में विटामिन, खनिज, फोलिक एसिड, आयरन, प्रोटीन और अन्य पौष्टिक तत्व होने चाहिए, जिससे उनका शरीर निरोगी और स्वस्थ रहे. साथ ही वे गर्भधारण के चलते शरीर में होने वाले परिवर्तनों को बर्दाश्त कर सकें. वहीं, ऐसी महिलायें जो गर्भधारण के लिए किसी विशेष प्रकार का उपचार ले रहीं हैं तो उन्हे चिकित्सीय सलाह पर किसी पोषण विशेषज्ञ की मदद से एक डाइट चार्ट बनवाना चाहिए, जिससे उन्हे पता चल सके कि उन्हें कब क्या और कितनी मात्रा में खाना चाहिए.
गर्भधारण के लिए महिलाओं को खानपान संबंधी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- यूं तो सामान्य अवस्था में कभी भी शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, लेकिन विशेष तौर पर जब आप गर्भधारण करने का प्रयास कर रही हैं तो उस समय पानी पीना बहुत जरूरी है.
- ऐसे समय में महिलाओं को अपने भोजन में डेयरी उत्पादों को शामिल करना चाहिए. दरअसल डेयरी उत्पादों में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो ना केवल प्रजनन क्षमता को बढ़ाने का कार्य करता है बल्कि हड्डियों को भी मजबूती देता है. इसलिए महिलाओं को नियमित तौर पर दूध, दही, अंडा और मछली जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए.
- गर्भधारण का प्रयास कर रही महिलाओं के भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां विशेषकर बीटा कैरोटीन युक्त सब्जियां होना आवश्यक है. हरी सब्जियों में आयरन, फोलिक एसिड तथा एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही यह शरीर में बीटा कैरोटीन की जरूरत को भी पूरा करते हैं. इनके सेवन से ना सिर्फ महिलाओं के हीमोग्लोबिन में वृद्धि होती है बल्कि उनके संपूर्ण स्वास्थ्यको पोषण की सुरक्षा मिलती है.
- ऐसी अवस्था में महिलाओं के लिए ओमेगा-3 का पर्याप्त मात्रा में सेवन भी बहुत जरूरी होता है. जिसके लिए महिलाओं को नियमित रूप से अपने आहार में बादाम, अखरोटऔर मछली को शामिल करना चाहिए. इन तीनों ही चीजों में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ना सिर्फ गर्भधारण के लिए प्रयास कर रही महिलाओं में बल्कि गर्भवती महिलाओं के लिए भी ओमेगा-3 का सेवन बहुत फायदेमंद होता है.
- महिलाओं को अपने भोजन में रेशेयुक्त यानी फाइबर युक्त आहार की मात्रा बढ़ानी चाहिए जैसे साबुत अनाज, गेहूं की रोटी, ब्राउन राइस और बींस, ये ना सिर्फ पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं तो साथ ही प्रजनन क्षमता को भी बेहतर बनाते हैं.
- गर्भधारण के लिए प्रयासरत महिलाओं को अपने नियमित भोजन में फलों को भी ज्यादा मात्रा में शामिल करना चाहिए. संतरा, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और कीवी फ्रूट जैसे फल जिनमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. महिलाओं के शरीर को गर्भधारण करने योग्य बनाने में मददगार होते हैं.
व्यायाम और सही जीवन शैली भी जरूरी
डॉ. विजयलक्ष्मी बताती हैं कि पौष्टिक आहार के साथ ही नियमित व्यायाम भी महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बेहतर करने में मददगार हो सकता है. इसके साथ ही बहुत जरूरी है कि महिलाएं अपनी जीवन शैली को भी संतुलित करें तथा ऐसी चीजें जिनसे उनके स्वास्थ्य विशेषकर प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंच सकता है, उनसे परहेज करें, जैसे धूम्रपान और नशे की आदत, देर तक जागने की आदत, भोजन संबंधी गलत आदतें जैसे देर से खाना खाना या कुछ भी खा लेना आदि. इसके साथ ही नियमित व्यायाम भी शरीर की सक्रियता बढ़ाते हैं और शरीर के सभी तंत्रों के स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं.
गर्भधारण के लिए प्रयास कर रही महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है कि वह दिमागी तौर पर शांति तथा तनावमुक्त व खुशी महसूस करें. इसके अतिरिक्त प्रोसेस्ड फूड तथा मीठे तरल पदार्थ जैसे कि सोडा और अन्य एनर्जी ड्रिंक भी बांझपन का कारण बन सकती हैं. इसलिए उनके सेवन से बचें.
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