लंदन : एक नए अध्ययन के अनुसार, 2022 में यूके में कुशल कार्य वीजा के तहत अधिकांश केयर वर्कर गैर-यूरोपीय संघ के देशों से आए थे, जिसमें भारत अग्रणी था. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में माइग्रेशन ऑब्ज़र्वेटरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की इमिग्रेशन प्रणाली 2022-23 में अभूतपूर्व संख्या में विदेशी श्रमिकों को स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में लाया गया.
अध्ययन में कहा गया है कि भारत इस रेस में सबसे आगे हैं, इसके बाद नाइजीरिया, पाकिस्तान और फिलीपींस हैं. नव-नियुक्त विदेशी डॉक्टर (20 प्रतिशत) और नर्सों (46 प्रतिशत) है. 2022 में भारत की ओर से यह आंकड़ा 33 प्रतिशत रहा. इसके बाद जिम्बाब्वे और नाइजीरिया थे.
बता दें कि स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी के चलते कार्य वीजा पर गैर यूरोपीय संघ के नागरिकों की भर्ती 2017 से बढ़ी है, जिसमें 2021 और 2022 में विशेष रूप से तेजी से वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) का अनुमान है कि यूके के स्वास्थ्य और सामाजिक कार्य क्षेत्र में रिक्तियां जुलाई से सितंबर 2022 में 217,000 तक पहुंच गईं, जो 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में कुछ हद तक कम हो गईं. इसके बाद यूके की इमिग्रेशन प्रणाली ने विदेशी स्वास्थ्य की अभूतपूर्व संख्या को मार्च 2023 में बढ़ा दिया.