कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले से ज्यादा गंभीर असर दिखा रही है. संक्रमण के फैलने की रफ्तार और शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचाने की क्षमता के कारण लोगों पर इसका डर काफी हावी है. कोविड 19 के लक्षणों की बात करें, तो पहले के मुकाबले संक्रमण के नए लक्षणों की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. इन नए लक्षणों में मरीजों में सिर दर्द, बदन में दर्द, कब्ज या पेट संबंधी समस्याएं, लाल आंखें और जलन, शारीरिक कमजोरी तथा मितली या उल्टी होने जैसा एहसास होना शामिल है. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान नजर आ रहे नए लक्षणों तथा वर्तमान परिस्थितियों में स्वास्थ्य की देखभाल तथा संक्रमण से बचाव के लिए किन-किन बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए इस बारे में ईटीवी भारत सुखी भव की टीम ने आयुर्वेदाचार्य डॉ. पी वी रंगनायकुलु से बात की.
पहले से ज्यादा गंभीर है कोविड-19 की नई लहर
कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. आंकड़ों की मानें तो वर्तमान समय में 3,00,000 से ज्यादा कोरोना के मामलों की पुष्टि हुई है. कोरोना के पहले दौर में जहां सर्दी, जुकाम और बुखार को मुख्य लक्षण माना जा रहा था. वहीं दूसरी लहर में संक्रमण की गंभीरता तथा उसके स्वरूप में परिवर्तन के चलते पुराने लक्षणों की सूची में कई नए लक्षण भी शामिल हो गए हैं.
डॉ. रंगनायकुलु बताते हैं की पहले के मुकाबले इस संक्रमण के फैलने की रफ्तार तथा दूसरों को संक्रमित करने की क्षमता भी काफी ज्यादा बढ़ गई है. आमतौर पर घर में एक जन में संक्रमण की पुष्टि होने तक और भी परिजन इस संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. हालांकि, थोड़ी सावधानी और सचेतता बरतने पर न सिर्फ संक्रमण को दूर रखा जा सकता है, बल्कि कोरोना संक्रमण होने पर शीघ्र स्वास्थ्य हो सकते हैं.
कोरोना के नए लक्षण
कोरोना के वर्तमान स्वरूप को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के नए लक्षणों को लेकर एक सूचना जारी की है. सूचना के अनुसार कोविड-19 के नए लक्षण इस प्रकार हैं.
- तेज बुखार
- सूखी खांसी
- गले में दर्द
- बंद नाक
- स्वाद और सूंघने की क्षमता में कमी
- भूख में कमी
- सिर में दर्द
- सांस लेने में समस्या
- शारीरिक कमजोरी
- लाल आंखें तथा आंखों में जलन
- हाथ पांव में कमजोरी
- पेट में दर्द
- उल्टी आना
- डायरिया तथा पेट संबंधी समस्याएं
- पांव तथा पेट में सूजन आना
- खाना पचाने में समस्या होना
- चीजों को भूल जाना
- नींद ना आना
- कफ में खून के रेशे आना
- खून में ऑक्सीजन की कमी होना
- खून में प्लेटलेट्स कम होना
डॉ. रंगनायकुलु बताते हैं की इन लक्षणों के नजर आते ही बिना समय गवाएं तुरंत चिकित्सीय सलाह और जांच जरूरी है. हालांकि, मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहिए या नहीं यह पूरी तरह से उसकी अवस्था पर निर्भर करता है. लेकिन यह लक्षण नजर आने पर इलाज तथा हर परिस्थिति में बचाव के लिए तरीके अपनाना भी बहुत जरूरी है.
कोविड 19 से बचाव के लिए ध्यान देने योग्य बातें