हैदराबाद: देश में मानसून के आने से पहले मच्छर के काटने से फैलने वाले रोग मलेरिया के खिलाफ कमर कसने तथा मलेरिया से बचाव के लिए हर संभव प्रयास करने के उद्देश्य से हर साल 1 जून से 30 जून तक राष्ट्रीय एंटी मलेरिया माह मनाया जाता है. जिसके तहत जून के पूरे माह में मलेरिया के प्रसार को रोकने के लिए तथा उससे बचाव व इलाज के लिए सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं. साथ ही इस अवसर पर संबंधित सरकारी इकाइयों द्वारा मच्छरों को मारने, उनके लार्वा को पनपने से रोकने तथा इस रोग को लेकर मॉनिटरिंग जैसे अभियान भी चलाए जाते हैं.
भारत में तीसरा सबसे आम रोग है मलेरिया: राष्ट्रीय एंटी मलेरिया माह
मलेरिया एक ऐसा रोग है जो अभी भी हर साल कई लोगों की जान जाने का कारण बनता है. बरसात का मौसम शुरू होते ही मलेरिया व अन्य मच्छर जनित रोगों या वेक्टर जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इन रोगों तथा उनसे बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा उन्हे इस दिशा में प्रयास करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई मासिक तथा साप्ताहिक आयोजन आयोजित किये जाते हैं. सरकार का एक ऐसा ही प्रयास है 'राष्ट्रीय एंटी मलेरिया माह'. मलेरिया रोगियों की खोज एवं इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने के उद्देश्य से हर साल 1 से 30 जून तक राष्ट्रीय एंटी मलेरिया माह मनाया जाता है.
क्या कहते हैं आंकड़े
गौरतलब है कि मलेरिया फिलहाल भारत में तीसरा सबसे आम रोग माना जाता है . भारत में वैसे तो यह रोग पूरे वर्ष पाया जाता है लेकिन बारिश के मौसम के समय इसका प्रकोप अधिक बढ़ जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्ष 2016 के आंकड़ों के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया में मलेरिया के कुल मामलों में से 77% भारत में नजर आते हैं. वहीं वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल मलेरिया के लगभग 2 मिलियन मामले सामने आते हैं. साथ ही इस रोग के चलते हर साल लगभग 1000 मौतें होती हैं. देश में सबसे अधिक मलेरिया के मामले उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात और राजस्थान से सामने आते हैं.
उद्देश्य तथा महत्व
मलेरिया के प्रसार को रोका जा सकता है, लेकिन निजी तथा सरकारी प्रयासों में कमी, सुविधाओं की कमी तथा अन्य कई कारणों से ऐसा हो नहीं पा रहा है. स्थिति यह है कि भारत के अधिकांश ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में मलेरिया एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या माना जाता है. इसी के चलते भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक देश को मलेरिया से मुक्त करने का संकल्प लिए है. जिसके लिए सरकार द्वारा लगातार कई तरह के कार्यक्रम व अभियान आयोजित किये जाते हैं.
इसी श्रृंखला में राष्ट्रीय एंटी मलेरिया माह के तहत सरकारी इकाइयों तथा सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा हर राज्य, शहर, कस्बों तथा गाँव में कई तरह के जागरूकता, सफाई तथा मॉनिटरिंग कार्यक्रम चलाए जाते हैं.