डब्ल्यूएचओ और द लैंसेट में प्रकाशित और इंपीरियल कॉलेज लंदन के नेतृत्व में आयोजित हुए एक शोध में चिकित्सकों और शोधकर्ताओं ने पाया है की पिछले तीस वर्षों में उच्च रक्तचाप से पीड़ित 30-79 वर्ष की आयु के वयस्कों की संख्या 650 मिलियन से बढ़कर 1.28 बिलियन हो गई है। जिनमें से लगभग आधे लोगों को पता नहीं था कि उन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या है।
इस अध्ययन के तहत एक वैश्विक नेटवर्क के माध्यम से 1990-2019 की अवधि को कवर किया था। जिसमें उन्होंने 184 देशों में 30 से 79 वर्ष की आयु के 100 मिलियन से अधिक लोगों के रक्तचाप माप और उपचार डेटा का उपयोग किया था। शोध में वैश्विक आबादी के 99 % को कवर किया था।
डेटा का विश्लेषण करके, शोधकर्ताओं ने पाया कि 1990 से 2019 तक दुनिया में उच्च रक्तचाप की समग्र दर में थोड़ा बदलाव आया था। आंकड़ों के पहले जहां इस रोग के पीड़ितों की संख्या अमीर देशों में ज्यादा थी, वहीं समय के साथ अब निम्न और मध्यम आय वाले देशों में इस समस्या की पीड़ित ज्यादा मिलते हैं। 2019 के आंकड़ों के अनुसार उच्च रक्तचाप वाले एक अरब से अधिक लोग, जोकी दुनिया में उच्च रक्तचाप वाले सभी लोगों का लगभग 82% है, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते थे।
आंकड़ों की माने तो वर्ष 2019 में कनाडा, पेरू और स्विटजरलैंड में उच्च रक्तचाप का सबसे कम प्रसार था, जबकि डोमिनिकन गणराज्य, जमैका और पराग्वे में महिलाओं और हंगरी, पराग्वे और पोलैंड में पुरुषों में यह समस्या उच्चतम दर में देखी गई थी।
शोध के अंतिम चरण तक उच्च रक्तचाप वाले लोगों की संख्या दोगुनी होकर 1.28 अरब हो गई थी, जिसके लिए मुख्य रूप से जनसंख्या वृद्धि और लोगों में लंबी उम्र वालों की बढ़ती दर को कारण माना गया है।
जांच के अभाव में उपचार में देरी
शोध में पाया गया उच्च रक्तचाप वाले लगभग 580 मिलियन लोग (41% महिलाएं और 51% पुरुष) अपनी स्थिति से अनजान थे क्योंकि उन्होंने कभी उच्च रक्तचाप को लेकर कोई जांच नहीं करवाई थी। वहीं इस समस्या से पीड़ित आधे से अधिक यानी लगभग 720 मिलियन लोगों (53% महिलाएं और 62% पुरुष) को समस्या की जानकारी न होने के चलते समस्या का उपचार भी नहीं मिल पाया। शोध में विषय बनाए गए हर 4 में से 1 महिला और 5 में से 1 पुरुष उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे।
इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और इंपीरियल कॉलेज लंदन में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में ग्लोबल एनवायर्नमेंटल हेल्थ के प्रोफेसर माजिद इज़्ज़ती ने बताया की "सस्ता इलाज होने के बावजूद दुनिया भर में उच्च रक्तचाप वाले बहुत से लोगों को अभी भी वह इलाज नहीं मिल रहा है जिसकी उन्हें आवश्यकता है। यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य विफलता है।