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ई संजीवनी से परामर्श लेने देशवासियों में दिखी दिलचस्पी - ई संजीवनी के माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श

स्वास्थ्य मंत्रालय की ई-संजीवनी पहल 28 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में दो किस्म की सेवाएं दे रही है. ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी डॉक्टर से डॉक्टर टेलीपरामर्श को सक्षम बनाती है और इसका उपयोग लगभग 6 हजार स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों में किया जा रहा है.

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ई संजीवनी

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Published : Dec 18, 2020, 4:49 PM IST

कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के ई संजीवनी के माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श लेने में देश के अधिकांश राज्य सामने आये है. ये इस बात का सबूत है कि लोगों में डिजिटल सेवाओं का क्रेज बढ़ा है. कोरोना का कहर शुरू होने के बाद से ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य स्तर पर कई प्रयास किये गये थे. तबसे यह क्रम लगातार जारी है. स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी से लेकर लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं घर बैठे ही मिले, इसके लिए भी विशेष प्रयास शुरू किए गए. नतीजतन ई संजीवनी के माध्यम से देश में रोजाना 10 लाख से ज्यादा लोग टेली कंसल्टेशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. ई संजीवनी सेवाओं का लाभ लेने में तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश सबसे टॉप पर है. तमिलनाडु में ई संजीवनी सेवा की शुरूआत से 16 दिसंबर तक 3 लाख 19 हजार 507 लोग परामर्श ले चुके हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में 2 लाख 80 हजार 552. 16 दिसंबर को ई संजीवनी ओपीडी के माध्यम से उत्तर प्रदेश में 4 हजार 184 लाभार्थियों को चिकित्सकीय परामर्श दिया गया है.

ई संजीवनी सेवा रोजाना सुबह नौ से शाम पांच बजे तक (रविवार को छोड़कर) उपलब्ध रहती है. इसमें सामान्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लिया जा सकता है. ई संजीवनी ओपीडी के तहत उत्तर प्रदेश में 500 से अधिक एमबीबीएस और 40 विशेषज्ञ डॉक्टर सेवा देने के लिए उपलब्ध हैं.

कंसल्टेंसी सेवा का लाभ लेने के लिए अपने स्मार्टफोन में ई संजीवनी एप्लीकेशन डाउनलोड कर किया जा सकता है. जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं, वह अपने नजदीकी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर उपलब्ध कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श ले सकते हैं.

सरकार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, राज्यवार ई संजीवनी ओपीडी में लाभ लेने वालों की संख्या इस प्रकार है.

तमिलनाडु - 3,19,507

उत्तर प्रदेश - 2,68,889

मध्य प्रदेश -70,838

गुजरात - 63,601

केरल - 62,797

हिमाचल प्रदेश - 49,224

आंध्र प्रदेश - 39,853

कर्नाटक - 32,693

उत्तराखंड - 31,910

महाराष्ट्र - 12,635

यूपी के टॉप 10 जिले जहां लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया, उनमें मेरठ (22,655), रायबरेली (21,357), जालौन (21,083), सिद्धार्थनगर (16,878), बहराईच (13,951), प्रयागराज (13,186), फैजाबाद (11,057), बुलंदशहर (10,724), गोरखपुर (8,575), हरदोई (8,074) शामिल हैं.

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