पूरी दुनिया इस समय इस जद्दोजहद में लगी हुई है कि किस तरह से कोरोनावायरस के डर के साये से बाहर निकला जा सके और इस वायरस को जड़ से खत्म किया जा सके. हालांकि कोरोना का वायरस अभी भी स्वछंद हवा में घूम रहा है, लेकिन अब आमजन इस प्रयास में लगा है की किस तरह निरोगी रहा जा सके, जिसके लिए वह तमाम प्रयास भी कर रहा है. लोगों के इसी प्रयास को अपना सहयोग देने के उद्देश्य से आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 से लड़ने के लिए आयुर्वेद तथा योग पर आधारित क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी किया है. रोग निरोधी उपायों वाले इस प्रोटोकॉल को ना सिर्फ कोविड-19 के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, बल्कि आधुनिक समय की समस्याओं के समाधान में पारंपरिक ज्ञान को प्रासंगिक बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
कोविड-19 का प्रबंधन
हालांकि अभी तक कोरोना वायरस की कोई दवा बाजार में नहीं आई है, लेकिन आयुष मंत्रालय के इस प्रोटोकाल में ऐसे व्यवहार और उपचार के बारे में बताया तथा निर्देशित किया गया है, जिससे कोरोना से बचाव संभव है. इन उपचारों को हल्के तथा ज्यादा गंभीर लक्षण वाले, दोनों प्रकार के रोगियों के लिए अलग-अलग निर्धारित किया गया है. इस प्रोटोकाल तथा उसके अनुलग्नक को आयुष विभाग के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों तथा कोरोना के मद्देनजर बनाई गई विशेष कमेटियों द्वारा शोध के बाद बनाया गया है.
प्रोटोकाल के अनुसार संक्रमण से बचने के उपाय
- सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई और हाथों की स्वच्छता के अलावा मास्क पहनना जरूरी है.
- एक चुटकी हल्दी और नमक को गर्म पानी में डालकर गरारे करें. त्रिफला और यष्टीमधु यानी मुलेठी को पानी में उबालकर उससे गरारे करें.
- अणु तेल, षडबिन्दु, तिल का तेल या नारियल का तेल की बूंदें नाक में डाली जा सकती हैं.
- गाय के घी को भी दिन में एक या दो बार नाक में डालना चाहिए, खासकर जब घर से बाहर जाना हो और बाहर से घर लौटे हो.
- यूकेलिप्टस के तेल, अजवाइन या पुदीने को पानी में डालकर दिन में एक बार भाप लेना चाहिए.
- कम से कम छह से आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए. कसरत करनी चाहिए और योग प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.
- अदरक, धनिया, तुलसी की पत्ती या जीरा डालकर उबाले गए पानी को पीना चाहिए.
- ताजा, गर्म और संतुलित खाना खाएं. आधा चम्मच हल्दी 150 एमएल गर्म दूध में डालकर रात में पीना चाहिए. अपच होने पर दूध नहीं पीना चाहिए.
- आयुष काढ़ा या क्वाथ दिन में एक बार लेना चाहिए.