यह शोध ५ संस्थाओं ने मिल कर किया जिसमें अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की अग्रणी भूमिका थी।
फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित परिणाम के अनुसार वैज्ञानिक रूप से अब ये बात साबित हो चुकी है की मिल्लेट्स स्वस्थ्य के लिए एक सही विकल्प हैं, और इसे हम अपने नियमित आहार में भी शामिल कर सकते हैं। मिल्लेट्स बच्चों, युवाओं और व्यस्कों में होने वाले मोटापे की समस्या को दूर करनें में भी कारगर साबित हुए है।
शोध के अनुसार मिल्लेट्स को दैनिक आहार में शामिल करने से, जिन लोगो में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा उच्च से सामान्य स्तर में पायी गयी हैं वह ८% तक कम हो गए हैं। वही लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल जिसे ख़राब वसा या कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, उसकी मात्रा रक्त में १०% तक कमी पायी गई है। इसके अलावा मिल्लेट्स की वजह से जिन लोगों को डायस्टोलिक रक्तचाप (बीपी रीडिंग में सबसे नीचे की संख्या) के साथ रक्तचाप में 5 प्रतिशत की कमी आई।
अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की वरिष्ठ पोषण विशेष्ज्ञ और शोध की प्रमखु शोधकर्ता, एस. अनीता का कहना है की ,"हमें बहुत आश्चर्य हुआ कि हृदय रोगों को प्रभावित करने वाले तत्वों पर मिल्लेट्स के प्रभाव पर मनुष्यों पर पहले से ही कितने अध्ययन किए जा चुके हैं, और यह पहली बार है जब किसी ने इन सभी अध्ययनों को एकत्रित किया है और प्रभाव के महत्व का परीक्षण करने के लिए अपने डेटा का विश्लेषण किया है। हमने एक मेटा-विश्लेषण का उपयोग किया, और हृदय रोग के जोखिम कारकों पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव दिखाने के लिए परिणाम बहुत दृढ़ता से सामने आए|”