हैदराबाद: विशेषज्ञों का दावा है कि ब्लैक कॉफी लीवर में वसा के खतरे को कम करती है. इसे रोजाना सुबह और शाम एक-एक कप लेने की सलाह दी जाती है. उन्होंने कहा कि बिना दूध और चीनी वाली कॉफी में मौजूद कैफीन और एंटीऑक्सीडेंट लीवर के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं. एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (एआईजी), गाचीबोवली, हैदराबाद के तत्वावधान में शनिवार को हाई-टेक सिटी में लीवर की समस्याओं पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया. विभिन्न देशों के 1,300 विशेषज्ञों ने भाग लिया. इस मौके पर नोबेल पुरस्कार विजेता हार्वे जे. ऑल्टर ने हेपेटाइटिस-सी वायरस पर बात की. इसके बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई विशेषज्ञों ने बात की.
फैटी लीवर एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है और संभावना है कि 10-15 वर्षों में इस समस्या के कारण मौतें बढ़ेंगी. बताया गया है कि लिवर की समस्या लेकर अस्पतालों में आने वाले 60 प्रतिशत लोग नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर से पीड़ित होते हैं. बताया गया है कि 35 वर्ष की उम्र के बाद लिवर की जांच अनिवार्य है. यूएसए मायोक्लिनिक्स के प्रोफेसर पैट्रिक कामथ ने कहा कि छोटे बच्चों में फैटी लीवर की समस्या के मामले में अमेरिका, भारत और चीन पहले तीन स्थानों पर हैं.
-डॉ. नागेश्वर रेड्डी, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (एआईजी)