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बदलती जीवनशैली का यौन स्वास्थ्य पर प्रभाव

लॉकडाउन में लोगों की बदलती जीवनशैली से उनके यौन स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव पड़ रहा है. खास कर महिलाओं में इसका खासा असर देखा जा रहा है. इसकी वजह खान पान में अनिरन्तरता, व्यायाम में कमी आदि है. डॉ. राहुल रेड्डी, एंड्रोलॉजिस्ट, एंड्रोकेर एंड एंड्रोलॉजी इंस्टीट्यूट ने इसके बारे में विस्तार से बताया है.

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महिला यौन स्वास्थ्य

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Published : Jun 21, 2020, 10:01 AM IST

एक स्वस्थ दिनचर्या इंसान के शरीर पर सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है. सही खानपान, व्यायाम, मन की शांति एक दूसरे पर निर्भर करता है. एक निश्चित दिनचर्या होने से शरीर स्वस्थ रहता है. वहीं महिलाओं में यौन स्वास्थ्य ही पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होता है.

कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के समय को लोगों ने सही मायने में उपयोग नहीं किया. नतीजा ये हुआ कि स्वास्थ्य पर इसका कोई फायदा नहीं हुआ. लॉकडाउन मेंअचानक बदले जीवनशैली ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाला है, जिससे उनका यौन स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ है.

उचित आहार, नींद और न्यूनतम व्यायाम ऐसे प्रमुख चीजें हैं, जिन्हें महिलाएं सबसे ज्यादा नजरअंदाज करती हैं. इसलिए ईटीवी सुखीभवा ने डॉ. राहुल रेड्डी, एंड्रोलॉजिस्ट, एंड्रोकेर एंड एंड्रोलॉजी इंस्टीट्यूट, हैदराबाद से संपर्क किया. ताकि महिलाओं को उन पहलुओं पर सलाह दी जा सके, जो उनके लिए बुनियादी और महत्वपूर्ण हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों ने इस मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया. ये मुख्य भाग हैं, जो महिलाओं के यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करता हैं और इसलिए उनके संपूर्ण स्वास्थ्य के बारे में बात करना जरूरी होता हैं.

उचित आहार:महिलाएं अपने खास कर अपने खानपान पर विशेष ध्यान नहीं देती है. हरी सब्जियों और फल जिसमें भारी मात्रा में विटामिट होते है, उसका सेवन करें. अपने भोजन में कैल्सियम और आयरन से भरपूर खाने को शामिल करें, जिससे सुखी यौन जीवन चल सके.

विशिष्ट खाद्य पदार्थ:महिलाओं में मेथी जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थ महिला सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन बढ़ाने में मदद करते हैं. दूध और अंडे में कैल्शियम पाया जाता है, वहीं आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे लाल मांस, फलियां, नट और सेब जैसे फल जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाते है. हर महिला को अपने आहार में यह सब शामिल किया जाना चाहिए. भोजन एकमात्र प्रत्यक्ष सेवन है, जो एक महिला के शरीर में ऊर्जा भर सकता है.

विटामिन-डी और बी-12:अन्य महत्वपूर्ण विटामिन हैं, जो महिलाओं के स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक हैं. सूर्य का प्रकाश एक ऐसा स्रोत है, जो शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी प्रदान करता है. डेयरी उत्पाद और मछली, बी-12 विटामिन का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं. बी-12 की कमी से कमजोरी और थकान हो सकती है.

व्यायाम:अधिकांश भारतीय महिलाओं में उचित आहार के अलावा व्यायाम को भी अनदेखा किया जाता है. डॉ रेड्डी का कहना है कि महिलाओं को न्यूनतम 20 मिनट के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है. लंबे समय तक बैठे रहने से महिला के शरीर को बहुत नुकसान हो सकता है, यह एक पैकेट सिगरेट से धूम्रपान करने जितना बराबर है. यही कारण है कि जीवनशैली में परिवर्तन एक महिला के शरीर में बहुत सारे बदलाव ला सकता है. यह बदलाव सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि वे किन परिवर्तनों से शरीर को गुजरने दे रहे हैं. शारीरिक गतिविधि का यौन स्वास्थ्य पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है.

अन्य चिकित्सा स्थिति:पीसीओडी, थायराइड, अधिक वजन, विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी के साथ मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्या महिलाओं के यौन स्वास्थ्य भाग पर प्रभाव डाल सकती हैं. किसी भी चिकित्सीय स्थिति में इसका इलाज उपलब्ध हैं, जिससे महिलाओं को एक सुखी यौन जीवन जीने की अनुमति देता है. जीवनशैली में बदलाव बुनियादी है, जिसे महिलाओं को एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने के लिए गंभीरता से लेना चाहिए. जब समग्र स्वास्थ्य के लिए गणना की जाती है, तो यौन स्वास्थ्य किसी भी अन्य स्वास्थ्य के रूप में महत्वपूर्ण है.

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