बीते कुछ वर्षों में देश के कई हिस्सों में डेंगू और जापानी इन्सेफेलाइटिस- JE सहित मच्छर जनित बीमारियों में तेज बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, जो महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं और चिंता का कारण हैं. संक्रमित क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छर, विशेष रूप से क्यूलेक्स ट्राइटेनियोरिंचस, जापानी इन्सेफेलाइटिस वायरस फैलाने के लिए मनुष्यों को काटते हैं. धान के खेतों, जल स्रोतों और सुअर के आवासों के पास के स्थान अधिक संवेदनशील होते हैं तथा आमतौर पर वहां इस बीमारी के फैलने की संभावना अधिक होती है. बारिश के मौसम में पानी जमा हो जाता है, जो मच्छरों के लिए आसान प्रजनन (Reproduction) स्थल प्रदान करता है.
बारिश के मौसम में तापमान बढ़ता और घटता रह रहा है जिसकी वजह से मच्छर और मक्खी सक्रिय हो रहे हैं. डेंगू के शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह होते है. संक्रमित मच्छर जब काटता है, तो उसके कुछ दिनों (3-10) के बाद उसमें डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं, इसके बाद तेज बुखार आने के साथ ही डेंगू के अन्य लक्षण भी तेजी से नजर आने लगते हैं. डॉक्टरों के अनुसार डेंगू व Japanese encephalitis से पीड़ित व्यक्ति में आमतौर पर या तो कोई लक्षण नहीं होंगे या केवल मामूली लक्षण होंगे. मांसपेशियों हड्डी या जोड़ों में में दर्द होना, बुखार और सिरदर्द मध्यम लक्षण हैं, जबकि मतली, उल्टी, गर्दन में अकड़न, बोलने में बाधा और स्पास्टिक पैरालिसिस गंभीर लक्षण हैं.
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