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जामिया के डेंटल सर्जन ने अपने शोध में की 'मानव जबड़े' में एनएएमएएफ की खोज - एनएएमएएफ की खोज

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. इमरान खान ने एक नया शोध किया है. इस शोध में उन्होंने निचले जबड़े में फोरामेन की खोज की है, जिसकी रिपोर्ट अमेरिका के प्रतिष्ठित साइंटिफिक जर्नल में प्रकाशित की गई हैं.

discovery of NAMAF
एनएएमएएफ की खोज

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Published : Aug 11, 2020, 2:49 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 9:34 AM IST

जामिया मिल्लिया इस्लामिया की फैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्री (एफओडी) के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन ने निचले जबड़े के बारे में एक नया शोध किया है. इस शोध से जबड़े का ऑपरेशन करने वाले दुनियाभर के सर्जनों को अतिरिक्त एहतियात बरतने का मौका मिलेगा. साथ ही, जबड़े पर लोकल एनेस्थीसिया के विफल होने के रहस्य की गुत्थी भी सुलझेगी. ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. इमरान खान की यह शोध रिपोर्ट हाल ही में अमेरिका के प्रतिष्ठित साइंटिफिक जर्नल 'ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी केस' सितंबर-2020 संस्करण में छपी हैं.

डॉ. इमरान की इस खोज ने मानव के निचले जबड़े की एनाटॉमी का एक नया राज खोला है. इंसान के निचले जबड़े को चिकित्सीय शब्दावली में फोरामेन कहा जाता है. फोरामेन में इस नई खोज को नॉवेल एब्रेंट मैंडिबुलर एंगल फोरामेन (एनएएमएएफ) नाम दिया गया है. इससे पहले, निचले जबड़े में किसी ने फोरामेन नहीं देखा था. डॉ. इमरान ने एक ऑपरेशन के दौरान इसे खोजा.

जामिया की फैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्री के डीन, प्रोफेसर डॉ. संजय सिंह ने कहा, 'यह नई खोज, दुनियाभर के सर्जनों को निचले जबड़े पर काम करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने के लिए सतर्क करेंगी. जामिया की फैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्री को एमएचआरडी के एनआईआरएफ-2020 में 19वें बेस्ट डेंटल कॉलेज का दर्जा दिया गया है.

सौजन्य: आईएएनएस

Last Updated : Aug 12, 2020, 9:34 AM IST

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