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क्या खाने में ऑलिव ऑयल का उपयोग है सेहतमंद?

देश हो या विदेश, जैतून के तेल को सेहत के लिए आदर्श माना जाता है। जैतून का तेल सिर्फ खाने में ही नहीं बल्कि उसका बाहरी उपयोग हमारी त्वचा और बालों का सौन्दर्य और सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं।

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ऑलिव ऑयल

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Published : Sep 24, 2021, 3:14 PM IST

यूं तो जैतून के तेल का उपयोग लोग खाने के अलावा सौंदर्य प्रसाधन, दवा, साबुन और पारंपरिक लैंप के लिए ईंधन के रूप में भी करते हैं, लेकिन भोजन में इसका उपयोग सेहत पर कई बीमारियों के जोखिम को कम करता है। इसलिए ज्यादातर चिकित्सक खाने में इसके उपयोग की सलाह देते हैं।

पोषण विशेषज्ञ डॉ. संगीत मालू बताती हैं की जैतून का तेल विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट और कई अन्य गुणों से भरपूर होता है। साथ ही इसमें मुख्य वसा (Fats) मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA) पाए जाते है, जो स्वस्थ वसा माने जाते हैं। इसलिए भोजन में इसका उपयोग न सिर्फ कई प्रकार के रोगों के खतरे को कम करता है, बल्कि भोजन का पोषण भी बढ़ाता है।

स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

जैतून के तेल को लेकर किए गए विभिन्न अध्धयन इस बात की पुष्टि करते हैं की यह हमारे स्वास्थ्य के लिए आदर्श हो सकता है। दरअसल एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल में एंटीऑक्सिडेंट समृद्ध मात्रा में पाए जाते हैं, जो मुक्त कणों के कारण होने वाली सेलुलर क्षति को रोकने में मदद करते हैं। यह मुक्त कण न सिर्फ ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा कर सकते हैं बल्कि यह कोशिका क्षति तथा कैंसर सहित कुछ अन्य बीमारियों के जोखिन को बढ़ाने का भी कार्य करते हैं। शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए जैतून के तेल के फायदे को लेकर किए गए कुछ शोधों का ब्योरा इस प्रकार है:

  • जैतून का तेल और हृदय प्रणाली
    2018 के एक अध्ययन में सामने आया की जो लोग भूमध्यसागरीय आहार, जिसमें जैतून के तेल का सेवन अधिक किया जाता है), का सेवन करते हैं, उनमें हृदय रोग कम पाया जाता है। वहीं 2018 की एक अन्य समीक्षा में लेखकों ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) और यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की इस सूचना की पुष्टि की, कि हृदय संबंधी जोखिम को कम करने के लिए प्रतिदिन लगभग 20 ग्राम या दो बड़े चम्मच एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल का सेवन फायदेमंद होता है।
    2017 के एक अध्ययन के परिणामों ने भी इस बात की पुष्टि की थी एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स (polyphenols) हृदय रोग, एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis), स्ट्रोक, मस्तिष्क की शिथिलता और कैंसर से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
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  • उपापचयी लक्षण (Metabolic Syndrome)
    2019 के मेटा-विश्लेषण के लेखकों ने निष्कर्ष निकाला था कि भूमध्यसागरीय आहार में जैतून का तेल सूजन, रक्त शर्करा, ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में वसा), और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL), या "खराब" कोलेस्ट्रॉल जैसे चयापचय सिंड्रोम की विशेषताओं में सुधार कर सकता है। इसके साथ ही यह उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL), या "अच्छे" कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है।
  • अवसाद जोखिम और जैतून का तेल
    2013 में, एक कृंतक अध्ययन ने सुझाव दिया था कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल का उपयोग तंत्रिका तंत्र की रक्षा करने में मददगार हो सकता है और अवसादऔर चिंता के इलाज के लिए उपयोगी हो सकती है।
  • जैतून का तेल और कैंसर का खतरा
    2019 में प्रकाशित शोध के अनुसार, जैतून के तेल में ऐसे पदार्थ होते हैं जो कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) को रोकने में मदद कर सकते हैं। लैब परीक्षणों में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर को सूजन, ऑक्सीडेटिव क्षति और एपिजेनेटिक परिवर्तनों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
  • अल्जाइमर रोग
    2016 में, कुछ वैज्ञानिकों ने एक अध्धयन में सुझाव दिया था कि आहार में एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल का तेल शामिल करने से अल्जाइमर रोग को रोकने में मदद मिल सकती है क्योंकि यह मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं पर सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाता है।
    वहीं 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन के लेखकों ने सुझाव दिया कि ऑलियोकैंथल से भरपूर एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल का सेवन अल्जाइमर की प्रगति को धीमा करने या रोकने में मदद कर सकता है। ओलियोकैंथल एक फेनोलिक यौगिक है।
  • जैतून का तेल और लीवर
    प्रयोगशाला अध्ययनों की 2018 की समीक्षा में पाया गया कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल लीवर की क्षति को रोकने या मरम्मत करने में मदद कर सकते हैं। इस तेलके एमयूएफए (MUFA) पाए जाते हैं, जो मुख्य रूप से ओलिक एसिड होते हैं, और इसके फेनोलिक, यौगिक सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव, इंसुलिन प्रतिरोध, और अन्य परिवर्तनों को रोकने में मदद करते हैं।
  • जैतून का तेल और सूजन आंत्र रोग
    2019 की समीक्षा में पाया गया था की जैतून के तेल में पाया जाने वाला फिनोल आंत में रोगाणुओं को बदलकर आंतों की प्रतिरक्षा और आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। यह कोलाइटिस और अन्य प्रकार के आईबीडी वाले लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है। हालांकि इस समीक्षा के लेखक इस क्षेत्र में अधिक अध्धयन की आवश्यकता पर जोर देते हैं।
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पोषण

यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के अनुसार 1 बड़े चम्मच, या 13.5 ग्राम जैतून के तेल में पोषण की मात्रा इस प्रकार होती है।

  • 119 कैलोरी
  • 13.5 ग्राम वसा, ( जिसमें से 1.86 ग्राम संतृप्त है)
  • 1.9 मिलीग्राम विटामिन ई
  • 8.13 माइक्रोग्राम विटामिन के

इसके अतिरिक्त इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, पॉलीफेनोल्स, टोकोफेरोल, फाइटोस्टेरॉल, स्क्वालीन, टेरपेनिक एसिड और अन्य एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं ।

कौन सा आलिव ऑयल बेहतर

जैतून के तेल के बहुत से प्रकार बाजार में मिलते हैं लेकिन खाने में अतिरिक्त वर्जिन ऑलिव ऑयल सबसे बेहतर माना जाता है, क्योंकि यह कम प्रसंस्करण से गुजरता है जिससे इसकी एंटीऑक्सीडेंट सामग्री को बनाए रखने की अधिक संभावना होती है। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल में 376 °F (191 °C) का उच्च स्मोक पॉइंट होता है, इसलिए अधिकांश खाना पकाने के तरीकों के लिए इसका उपयोग करना सुरक्षित होता है।

तलने के लिए भी जैतून का तेल बेहतर

आमतौर पर लोगों में यह भ्रम होता है की जैतून का तेल कुछ भी तलने के लिए उपयुक्त नहीं होता है। लेकिन 2017 में प्रकाशित एक समीक्षा के अनुसार, जैतून के तेल में भोजन तलने से इसके पोषण मूल्य को बनाए रखने और यहां तक ​​की सुधार करने में मदद मिल सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भोजन एंटीऑक्सिडेंट लेता है, जो तेल से स्थानांतरित होता है, और जैतून के तेल में पर्याप्त मात्रा में मिलता हैं।

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