बच्चों के शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकास के लिए आयरन का पोषण बहुत जरूरी माना जाता है। आयरन की कमी के चलते शरीर में हिमोग्लोबिन के स्तर पर असर पड़ने लगता है, जो स्वास्थ्य को विभिन्न प्रकार से नुकसान पहुँचा सकता है और उन्हे एनिमिक भी बना सकता है। बच्चों के लिए आयरन की जरूरत अलग-अलग उम्र के हिसाब से अलग- अलग हो सकती है।
बच्चों में आयरन डेफिशियेंसी, उसके शरीर पर प्रभाव तथा उम्र के अनुसार आयरन की जरूरत के बारे में जानने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने देहरादून की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लतिका जोशी से बात की ।
स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकती है बच्चों में आयरन डेफिशियेंसी
डॉक्टर लतिका बताती है कि आयरन हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। यह सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी बहुत जरूरी होता है। आमतौर पर ज्यादातर माता-पिता बच्चों में विटामिन और प्रोटीन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए विशेष प्रयास करते है लेकिन अधिकांश माता-पिता बच्चों की आयरन युक्त डाइट पर ध्यान नहीं देते हैं। जबकि आयरन बच्चों के दिमाग और शरीर की मजबूती के लिए जरूरी है।
क्यों है आयरन जरूरी
आयरन की कमी होने पर शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं कम मात्रा में बनती हैं जिससे शरीर के बाकी अंगों तक जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाकर लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण को संतुलित और ऑक्सीजन को विभिन्न अंगों तक पहुंचने की क्षमता बढ़ाता है।
आयरन की कमी से शरीर में एनीमिया जैसी बीमारी हो सकती है, ऐसी अवस्था में बच्चे को आयरन फोलिक एसिड, विटामिन सी, प्रोटीन और विटामिन बी की ज्यादा जरूरत होती है।।
आयरन की कमी के लक्षण तथा संकेत
आयरन की कमी होने पर बच्चों में निम्न लक्षण तथा संकेत नजर आ सकते है।
- थकान भूख ना लगना
- धीमी गति से वृद्धि और विकास
- असामान्य तरीके से या तेज तेज सांस लेना
- लगातार संक्रमण का होना
- कमजोरी
- त्वचा विशेषकर नाखून और आंखें पीली नजर आना
- बच्चों का चिड़चिड़ा और सुस्त हो जाना