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खुश नागरिक होते हैं सफल समाज की नींव : अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस - स्वास्थ्य

खुश रहना अच्छे जीवन की जरूरत है। लेकिन कई बार विभिन्न परिस्थितियों के चलते लोगों के जीवन में खुशी का स्तर कम होने लगता है। एक अच्छे जीवन और स्वस्थ समाज के लिए खुश रहने की जरूरत को मानते हुए कई देश इस क्षेत्र में वृहद स्तर पर कार्यक्रम चला रहे है। उदारण के लिए भूटान भले ही एक छोटा देश है, लेकिन यह अपने ग्रॉस नेशनल हैपीनेस कार्यक्रम के चलते पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। क्योंकि यह देश अपनी जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट की बजाय ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस पर जोर देता है। इस देश में पैसों से ज्यादा खुशियों को अहमियत दी जाती है।

International Day of Happiness
अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस

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Published : Mar 20, 2021, 4:26 PM IST

अच्छे जीवन के लिए बहुत जरूरी है की हम खुश रहें। चिकित्सक तथा जानकार मानते हैं की खुश रहने से ना सिर्फ हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि जीवन में भी आनंद और संतोष रहता है। लेकिन कई बार बीमारी, आर्थिक स्थिति, तनाव या पारिवारिक समस्याओं सहित बहुत से कारणों के चलते लोग खुशनुमा जीवन व्यतीत नहीं कर पाते हैं।

खुशी तथा संतोष से भरे नागरिक ही एक खुशनुमा और सफल समाज की नींव होते हैं, इसलिए दुनिया भर में लोगों को जीवन में खुशियों की अहमियत के बारे में समझाने तथा खुश रहने के लिए प्रेरित करने के उद्देश से 20 मार्च को 'अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस' मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस की शुरूआत

अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस प्रतिवर्ष 20 मार्च को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की जनरल असेंबली में 12 जुलाई 2012 को रेसोल्यूशन 66/281 के रूप में पारित होने के बाद से हर वर्ष 20 मार्च को 'इंटेरनेश्नल डे ऑफ हैप्पीनेस' या 'अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस' के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया था।

अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस 2021

अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य ना सिर्फ दूसरों को खुशी देने के लिए प्रेरित करना है, बल्कि अपनी स्वयं की खुशी के बारे में भी प्रयास करना है। इस दिन विभिन्न आयोजनों के माध्यम से लोगों को खुश रहने, दूसरों में खुशी फैलाने, उनकी मदद करने तथा दूसरों की मदद के लिए उन्हे धन्यवाद देने के अलावा खुश रहने के लिए सात तरीकों को सप्ताह के सात दिन के रूप में अपने जीवन में शामिल करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता हैं। ये सात तरीके हैं;

  1. यादों भरा सोमवार (माइंडफुल मंडे)
  2. आभार जताने वाला मंगलवार (ग्रेटी ट्यूसडे )
  3. मदद करने वाला बुधवार (वेलनेस वेन्सडे)
  4. विचारशील गुरुवार (थॉटफुल थर्सडे)
  5. आजादी के नाम शुक्रवार (फ्राइडे फ्रीडम)
  6. सामाजिक गतिविधियों के लिए शनिवार (सैटरडे सोशल)
  7. भावों और आत्मतृप्ति से भरा रविवार(सोलफुल सनडे )

सप्ताह के दिनों को इस तरह मनाए जाने का कारण यह है की लोग इन आदतों को अपने व्यवहार में लाए, जिससे वे शांत मन से सुखी जीवन जी सके।

इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए तथा कोरोना महामारी को संज्ञान में रखते हुए इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस को 'शांत रहिए, दयालु रहिए और बुद्धिमान रहिए' विषय पर मनाया जा रहा है। यूएन अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस के संस्थापक जाएम इलीन ने अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस के अवसर पर इस वर्ष की थीम के पीछे छुपे भावों के बारे में जानकारी देते हुए बताया की यदि हम सभी के प्रति दया की प्रवृत्ति रखेंगे तो सब हमसे खुश रहेंगे, और हम भी खुश रहेंगे। विशेषतौर पर कोरोना के चलते उत्पन्न परिस्थितियों में बहुत जरूरी हो गया है कि हम जीवन में धीरज रखें, शांत रहें।

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2020

संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2020 में दुनिया भर के विभिन्न देशों में वैश्विक खुशहाली की स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी। विश्व के 149 देशों में सर्वे के उपरांत वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2020 नाम से जारी इस रिपोर्ट में दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की सूची तथा उनकी खुशी के कारणों के बारे में सूचना दी गई।

रिपोर्ट के अनुसार 149 देशों में से सबसे खुशहाल देशों की श्रेणी में आने वाले 27 देशों के 63 प्रतिशत (हर 10 वयस्क में से 6 लोग) लोगों ने माना की वे खुश है। सर्वे में 29 मानकों पर लोगों की खुशी को आंकने का प्रयास किया गया था, जिनमें से सबसे ज्यादा आम रहे छः कारण इस प्रकार हैं;

  • लगभग 55 प्रतिशत लोगों की खुशी का कारण अच्छा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य था।
  • लगभग 49 प्रतिशत लोगों की खुशी का कारण उनके साथी या जीवन साथी के साथ उनके मधुर संबंध थे।
  • लगभग 49 प्रतिशत लोगों ने अपनी खुशी का कारण अपने बच्चों को बताया।
  • लगभग 48 प्रतिशत लोग इसलिए खुश थे की वे एक अर्थपूर्ण जीवन जी रहे है।
  • लगभग 45 प्रतिशत लोग अपनी आरामदायक जीवनशैली तथा
  • आसपास के सकारात्मक वातावरण के कारण खुश थे।

वर्ष 2020 की इस वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में 6 मानकों के आधार पर देशों को रैंकिंग दी गई। ये मानक थे;

  1. प्रति व्यक्ति की जीडीपी
  2. सामाजिक सहयोग
  3. स्वस्थ जीवन प्रत्याशा
  4. सामाजिक स्वतंत्रता
  5. उदारता
  6. भ्रष्टाचार का नजरियां

रिपोर्ट के आधार पर 10 खुशहाल देशों की रैंकिंग इस प्रकार है;

  • फिनलैंड
  • आइसलैंड
  • डेनमार्क
  • स्विट्जरलैंड
  • नीदरलैंड
  • स्वीडन
  • जर्मनी
  • नॉर्वे
  • न्यूजीलैंड
  • ऑस्ट्रिया

इस रैंकिंग में भारत 139वें स्थान पर, पाकिस्तान 105वें स्थान पर तथा चीन 84वें स्थान पर रहा।

'इपसोस ग्लोबल हैप्पीनेस 2020' सर्वे के नतीजे

वहीं इसी विषय पर सितंबर 2020 में इपसोस द्वारा भी एक ग्लोबल हैप्पीनेस सर्वे करवाया गया था। जिसमें पहली बार 34 मुख्य भारतीय शहरों में लोगों की खुशी जानने के लिए सर्वे किया गया।

जिसके नतीजों के अनुसार हर पांच में से तीन लोगों (कुल लगभग 63 प्रतिशत) ने माना की वे खुश हैं। इस सर्वे में भारत की सबसे खुशहाल शहरों में लुधियाना, अहमदाबाद तथा चंडीगढ़ को प्रथम तीन स्थान पर रखा गया। वहीं जनसंख्या घनत्व के अनुसार वर्गीकृत भारतीय शहरों में टियर 1 श्रेणि में अहमदाबाद, हैदराबाद व नई दिल्ली को तथा टियर 2 श्रेणी में लुधियाना, चंडीगढ़ तथा सूरत को प्रथम तीन सबसे खुशहाल शहरों की श्रेणी में रखा गया। यह सर्वे विभिन्न आयु, शैक्षिक स्तर, आमदनी तथा उनकी वैवाहिक स्थिति पर आधारित थी।

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कैसे रहें खुश

खुश रहना कोई कठिन कार्य नहीं है। लेकिन भागती दौड़ती जिंदगी तथा उसमें आने वाले उतार चढ़ाव के कारण हम उन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना भूल जाते हैं, जिनसे हमें खुशी मिलती है। खुश रहने के लिए जरूरी है की जीवन के हर पहलू को अपनाएं तथा हमेशा स्वयं को खुश रखने के लिए प्रोसाहित करते रहे। जानकारों की माने तो हमेशा खुश रहने के लिए निम्नलिखित बातों और आदतों को भी अपनाना जरूरी है।

  1. जानकार मानते हैं की जो लोग अच्छी नींद लेते हैं, वे अधिक खुश रहते हैं। इसलिए नींद के साथ समझौता ना करें। कम नींद लेने वालों पर नकारात्मक चीजें जल्दी हावी होती हैं।
  2. दोस्तों, रिश्तेदारों और लोगों से संवाद बनाए रखें। दूसरों के साथ मन की बात सांझा करने से भी खुशी मिलती है।
  3. सकारात्मक और खुशमिजाज लोगों की संगति में रहने का प्रयास करें।
  4. जीवन में संतोष रखने का प्रयास करें।
  5. नियमित तौर पर व्यायाम और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

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