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भारत ने 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' की निंदा की - वायरस के म्यूटेशन से निबटने की तैयारी

भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे राष्ट्रवाद के खिलाफ विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने निंदा की है। उन्होंने वैक्सीन खुराक की जमाखोरी बंद करने पर जोर दिया है। वैश्विक रूप से वैक्सीन असमानता की समस्या भी देखी जा रही है, जहां कुछ देशों में 75 प्रतिशत वैक्सीन उपलब्ध है, वहीं कुछ में एक भी नहीं।

Foreign Minister S.K. Jaishankar
विदेश मंत्री एस. जयशंकर

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Published : Feb 18, 2021, 2:01 PM IST

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' की निंदा की और भविष्य की महामारियों के खिलाफ दुनिया को सतर्क रहने का आह्वान किया।

सुरक्षा परिषद के एक वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'वैक्सीन राष्ट्रवाद बंद हो। अनावश्यक वैक्सीन खुराक जमाखोरी सामूहिक स्वास्थ्य सुरक्षा प्राप्त करने की दिशा में हमारे प्रयासों को पराजित करेगा।'

उन्होंने बताया कि नई दिल्ली के 'वैक्सीन मैत्री' कार्यक्रम के तहत 25 देशों को कोविड-19 टीके उपलब्ध कराए गए हैं और यूरोप, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन से अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूहों को 49 और जल्द ही मिल जाएंगे।

मेक्सिको के विदेश मंत्री मासेर्लो लुइस एब्रार्ड ने टीके उपलब्ध कराने के लिए भारत को धन्यवाद दिया।

वैक्सीन असमानता की समस्या के बारे में जानकारी देते हुए महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, सिर्फ दस देशों ने सभी कोविड-19 टीकों में से 75 प्रतिशत हासिल कर लिए हैं। मगर 130 से अधिक देशों को अभी तक एक भी खुराक नहीं मिली है।

जयशंकर ने यह भी घोषणा की कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों को वैक्सीन की 200,000 खुराकें दान कर रहा है।

उन्होंने टीके उपलब्ध कराने की भारत की प्रेरणा के लिए भगवद् गीता का हवाला दिया।

जयशंकर ने कहा कि दुनिया को भविष्य की महामारी के लिए और कोविड-19 वायरस के म्यूटेशन से निबटने के लिए तैयारी करनी चाहिए।

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