टोरंटो :एक नए अध्ययन में पाया गया है कि हाइब्रिड इम्युनिटी वाले लोग गंभीर बीमारी और दोबारा संक्रमण से सबसे ज्यादा सुरक्षित होते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलगरी रिचर्स ग्रुप के अनुसार, वैश्विक डेटा के परिणाम दिखाते हैं कि टीकाकरण और कोविड-19 से पूर्व संक्रमण गंभीर बीमारी और पुन: संक्रमण के खिलाफ सबसे ज्यादा सुरक्षित है. Hybrid immunity तब होती है जब किसी को वैक्सीन की पूरी सीरीज लग चुकी होती है और उसे पहले संक्रमण हो चुका होता है. Hybrid immunity .
द लैंसेट इंफेक्शस डिजीज में प्रकाशित अध्ययन सार्वजनिक नीति निमार्ताओं को टीकाकरण के सही समय को समझने में मदद करेगा. अध्ययन पर पहले लेखक डॉ. निकलास बोब्रोविट्ज ने कहा, रिजल्ट्स टीकाकरण के लिए वैश्विक अनिवार्यता को पुष्ट करते हैं. महामारी के दौरान एक आम सवाल यह था कि क्या पहले से संक्रमित लोगों को भी टीका लगवाना चाहिए. हमारे परिणाम स्पष्ट रूप से टीकाकरण की आवश्यकता का संकेत देते हैं, यहां तक कि उन लोगों में भी जिन्हें कोविड-19 हुआ है.
हाइब्रिड इम्युनिटी ओमिक्रॉन के खिलाफ ज्यादा प्रतिरक्षा
स्टडी में, जांचकर्ता पूर्व सार्स-सीओवी-2 संक्रमण (कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस), टीकाकरण, या हाइब्रिड इम्युनिटी के बाद ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रतिरक्षा सुरक्षा को देखने में सक्षम है. WHO के वैज्ञानिक और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डॉ लोरेंजो सुबिसी ने कहा, हाइब्रिड इम्युनिटी वाले व्यक्तियों के लिए 12 महीनों के लिए अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा 95 प्रतिशत से ऊपर रही.
व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण से पता चलता है कि ओमिक्रॉन संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा 12 महीनों तक काफी कम हो जाती है, भले ही आपको संक्रमण हो, टीकाकरण हो या दोनों. इसका मतलब है कि समय-समय पर आपकी सुरक्षा को बढ़ावा देने और आबादी में संक्रमण के स्तर को कम रखने के लिए टीकाकरण सबसे अच्छा तरीका है. जबकि निष्कर्ष प्रदर्शित करते हैं कि एक पूर्व संक्रमण के साथ टीकाकरण सबसे अधिक सुरक्षा प्रदान करता है, वैज्ञानिक वायरस के जानबूझकर जोखिम के खिलाफ चेतावनी देते हैं. बोब्रोविट्ज ने कहा, आपको कभी भी कोविड-19 से संक्रमित होने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. यह साफ नहीं है कि वायरस आपके सिस्टम को कैसे प्रभावित करेगा. कुछ के लिए, यह घातक हो सकता है या आपको अस्पताल भेज सकता है. अगर आपको हल्का संक्रमण है, तो आपको लॉन्ग कोविड से संक्रमित होने का खतरा है.
कोरोना संक्रमण के फैलने की कड़ी को तोड़ने के लिए सुरक्षा मानकों को अपनाना जरूरी है. इसके साथ ही वैक्सीन के सभी डोज लेना भी जरूरी है. जिन लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज नहीं लगवाई है उन्हे अपनी बूस्टर डोज के साथ अपने वैक्सीन का टीकाकरण पूरा करा लेना चाहिए. इस दौरान डॉक्टर दिलीप मिश्रा ने दावा किया कि आयुर्वेद अपने आप में एक अमृत है जो कि कोरोना रूपी विष को दूर रखने में उपयुक्त है. दिलीप मिश्रा ने अपनी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करने के लिए कई उपाय बताया. आयुर्वेदिक उपायों से बढ़ाएं अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता
रोज इस्तेमाल में आने वाली चीजें बढ़ाएंगी इम्युनिटी
- आयुर्वेद विशारद आचार्य चरक के अनुसार मूंग दाल, सेंधा नमक, शहद और आंवले का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए.
- रोजाना मूंग की दाल का सूप बनाकर उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर शाम के समय उसका सेवन करें.
- आंवले का इस्तेमाल किसी भी रूप में किया जा सकता है. जैसे चूर्ण के तौर पर या आंवला खाकर, ग्रीन टी के तौर पर भी आंवले का सेवन सुबह के समय कर सकते हैं.