आमतौर पर लोगों को लगता है कि सिर्फ गर्मी के मौसम में ही सनस्क्रीन की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस समय सूर्य की किरणों में हानिकारक प्रभाव ज्यादा होता है. लेकिन यह सही नही है लगभग हर मौसम में सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा को प्रभावित कर सकती हैं. हालांकि इस बात से इनकार नही किया जा सकता है कि गर्मियों में त्वचा पर सूर्य की किरणों का असर ज्यादा जल्दी नजर आने लगता है. ऐसे में सनस्क्रीन त्वचा को बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकता है.
अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता है सनस्क्रीन
त्वचा में समस्याओं को लेकर किए गए कई शोध में यह बात सामने आई है कि आमतौर पर झुर्रियों, त्वचा के शुष्क होने, उनकी रंगत बदलने और झाइयों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें होती है. जिनसे बचने में सनस्क्रीन का इस्तेमाल काफी लाभकारी हो सकता है. इसलिए जानकार लोगों को नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने की सलाह देते हैं.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी द्वारा जारी कुछ सूचनाओं में भी इस बात का उल्लेख किया जाता रहा है कि घर से बाहर निकलते समय कम से कम 15 एसपीएफ की मात्रा वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. लेकिन जैसे-जैसे गर्मी तथा प्रदूषण की मात्रा बढ़ने लगे तो एसपीएफ 15 से लेकर एसपीएफ 50 तक के सनस्क्रीन का इस्तेमाल ज्यादा बेहतर होता है. आमतौर पर बाजार में 5 से लेकर 100 एसपीएफ तक के सनस्क्रीन मिलते हैं. जो त्वचा को अलग अलग स्तर की सुरक्षा देते हैं. लेकिन किस प्रकार की त्वचा वाले तथा किस तरह के वातावरण में रहने वाले लोगों के लिए किस प्रकार का सनस्क्रीन ज्यादा फायदेमंद होता है इस बारें में ज्यादा लोगों को जानकारी नही होती है.
कैसे चुनें सही एसपीएफ
इंदौर की सौंदर्य विशेषज्ञ मालती रानाडे बताती हैं कि सनस्क्रीन का चयन विशेष तौर पर उसमें एसपीएफ की मात्रा का चयन करते समय इस बात को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है कि आप अपने दिन का कितना समय धूप तथा खुले वातावरण में बिताते हैं. इसके अलावा वातावरण में प्रदूषण की मात्रा तथा मौसम सामान्य है, खुश्क है या नमी वाला , इस बातों को ध्यान में रखना भी बेहतर होता है.
सही एसपीएफ के चयन के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है. जो इस प्रकार हैं.
- एसपीएफ 15: ऐसे लोग जो धूप में कम निकलते हैं या बाहरी वातावरण के सीधे संपर्क में अपेक्षाकृत कम आते हैं, उनके लिए एसपीएफ 15 का इस्तेमाल आदर्श रहता है. वह बताती हैं कि किसी भी मौसम या वातावरण में तथा किसी भी प्रकार की त्वचा वाले लोगों को कम से कम एसपीएफ 15 युक्त सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना ही चाहिए. यह त्वचा की 93% तक यूवीबी किरणों से सुरक्षा करता है.
- एसपीएफ 20-30: ऐसे लोग जो ज्यादा समय धूप या बाहरी वातावरण में बिताते हैं, उनके लिए एसपीएफ 20 से एसपीएफ 30 वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल बेहतर होता है. एसपीएफ 30 युक्त सनस्क्रीन सूर्य की यूवीबी किरणों से त्वचा की 97% तक सुरक्षा करता है. तथा इनका इस्तेमाल हर प्रकार की स्किन टाइप वाले लोग कर सकते हैं. लेकिन बेहतर परिणाम के लिए इन मात्रा वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल हर 4 से 5 घंटे के बाद दोबारा करना चाहिए.
- एसपीएफ 40-50: ऐसे स्थान जहां पर सूरज की किरणों में अल्ट्रावायलेट प्रभाव ज्यादा होता है या किसी कारण से त्वचा को ज्यादा प्रभावित कर सकता है, साथ ही जहां वातावरण में प्रदूषण की मात्रा भी ज्यादा हो उन स्थानों पर एसपीएफ 40 या एसपीएफ 50 वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए. उदारहण के लिए धूप में स्विमिंग करते समय, धूप व प्रदूषण में फील्ड जॉब करने वाले लोगों को समुद्र के पास या हिल स्टेशन रहने वाले लोगों को इन मात्राओं वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए. गौरतलब हैं कि एसपीएफ 50 युक्त सनस्क्रीन त्वचा की 98% तक यूवीबी किरणों से सुरक्षा करता है.