मां का दूध बच्चों के लिए वरदान होता है, जो ना सिर्फ उनके शारीरिक विकास के लिए जरूरी होता है, बल्कि उन्हें कई बीमारियों से भी बचाता है. लेकिन किसी कारणवश यदि मां के शरीर में दूध का निर्माण पर्याप्त मात्रा ना हो पाए, तो बच्चे के विकास में परेशानियां उत्पन्न हो सकती है. इसीलिए बहुत जरूरी है की स्तनपान कराने वाली माता का भोजन पोषक तत्वों से भरा हो. एएमडी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, हैदराबाद में प्रोफेसेर तथा एमडी आयुर्वेद डॉ. राज्यलक्ष्मी माधवम ने ETV भारत सुखीभवा टीम के साथ चर्चा करते हुए बताया कि बहुत जरूरी है की गर्भावस्था से लेकर बच्चे के जन्म और उसके बाद भी माता के भोजन तथा उसके स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रखा जाए. जिसके लिए गर्भकाल से ही उसे विशेष डाइट का पालन करना चाहिए जो प्रोटीन, विटामिन और मिनरल आदि पोषक तत्वों से भरपूर हो.
कैसा हो मां का भोजन
डॉ. राज्यलक्ष्मी माधवम बताती है की आयुर्वेद के अनुसार गर्भावस्था में मां को दूध, घी तथा मक्खन सहित ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो शरीर में रस धातु को बढ़ावा दे. क्योंकि रस धातु के कारण ही माता के शरीर में दूध का निर्माण होता है. वहीं शिशु के जन्म के उपरांत माता की खुराक संतुलित तथा सुपाच्य होनी चाहिए. दूध पिलाने वाली माता के लिए लाभदायक कुछ खास आहार इस प्रकार है:
- मेथी दाना
मेथी दाना ओमेगा-3 फैटी ऐसिड से भरपूर होता है. साथ ही यह बच्चे के दिमाग के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. यह माताओं के शरीर में दूध निर्माण में भी मदद करता है. इन्ही विशेष गुणों के चलते भारतीय घरों में बच्चे के जन्म के उपरांत नई माताओं को मेथी के लड्डू बनाकर खिलाए जाते हैं.
- फल
स्तनपान कराने वाली मां को भरपूर मात्रा में स्वदेशी फल खाने चाहिए, विशेषकर अनार. क्योंकि अनार खून को साफ करने के साथ ही शरीर में आयरन बढ़ाता है. लेकिन ध्यान रहे कि आप ठंड के दिनों में फलों के जूस का सेवन ना करें, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है और इससे आपके शिशु को भी ठंड लग सकती है.
- पानी
स्तनपान कराने वाली मांओं को दिनभर खूब पानी पीना चाहिये, क्योंकि दूध बनने की वजह से उनके शरीर में पानी की कमी हो सकती है. ऐसी अवस्था में शरीर में पानी की कमी से बचने के लिये दिनभर में कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीना चाहिए. एक साथ पीने की बजाय यदि थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिया जाए, तो वह ज्यादा बेहतर होगा.
- सौंफ