आयुर्वेद हो या कोई भी चिकित्सा शास्त्र, गर्मियों के मौसम में आहार पर नियंत्रण तथा भोजन में ऐसे आहार को शामिल करने की सिफारिश करते हैं जो सुपाच्य हो, शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करें और पेट में गर्मी के प्रभाव को कम करें. इसलिए गर्मियों में फलों को अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में शामिल करने की बात कही जाती है.
बेल भी एक ऐसा ही फल है जिसका सेवन गर्मियों के मौसम में शरीर को काफी लाभ पहुंचाता है. बेल की तासीर ठंडी होती है तथा इसमें औषधीय गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए यह ना सिर्फ कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है बल्कि शरीर को पोषण भी देता है.
आयुर्वेद के अनुसार बेल के फायदे
भोपाल के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि बेल को आयुर्वेद में वातशामक तथा पाचन के लिए उत्तम औषधि माना जाता है. इसके फ़ायदों का उल्लेख आयुर्वेद की प्राचीन पुस्तकों में भी मिलता है. डॉ राजेश बताते हैं कि ना सिर्फ बेल का गूदा बल्कि उसका शर्बत भी सेहत को कई तरह से फायदे पहुंचाता है. यह ना सिर्फ शरीर में गर्मी के प्रभावों जैसे लू लगने तथा शरीर में पानी की कमी में फायदा देता है बल्कि रक्त संबंधी कई समस्याओं में भी फायदा पहुंचाता है. वहीं इसमें पोषक तत्वों और औषधीय गुणों की भरमार होती है जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाते हैं.
डॉ राजेश यह भी बताते हैं कि बाजार में मिलने वाले शर्बत की बजाय घर पर बने शर्बत का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि बाजार में मिलने वाले बेल के शर्बत में अक्सर ज्यादा चीनी, आर्टिफ़िशियल रंग या कभी-कभी प्रिजरवेटिव का इस्तेमाल किया जाता है. जो नुकसान भी पहुँचा सकता है. इसके अलावा ऐसे लोग जो ह्रदय रोगों, मधुमेह तथा थाइराइड से पीड़ित हैं उन्हें इसके सेवन से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श जरूर करना चाहिए कि क्या वे इसका सेवन कर सकते हैं? अगर हाँ तो किस रूप में तथा कितनी मात्रा में?
बेल के पौष्टिक तत्व
बेल में शर्करा, कैल्शियम, फाइबर, फॉस्फोरस, पोटेशियम, प्रोटीन, आयरन, जिंक, विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, प्रोटीन, बीटा केरोटिन, थायमिनआदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें फ्लेवोनॉयड्स और टैनिन नामक रसायन भी पाए जाते हैं, जो संक्रमण को रोकने में सक्षम होते हैं. इसके अलावा बेल में एंटीमाइक्रोबियल गुण, कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण तथा एंटी-डायरिया सहित कई गुण मिलते हैं.
सिर्फ गर्मी से राहत ही नही दिलाता, कई रोगों से भी बचाता है बेल बेल के गूदे तथा उसके शर्बत के फायदे
बेल के नियमित सेवन से शरीर के लिए जरूरी कई आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है तथा साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. बेल का गूदा, मुरब्बा तथा शर्बत, सभी सेहत पर काफी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं. पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर के अनुसार बेल तथा बेल का शर्बत कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचाता है , जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- बेल का सेवन ना सिर्फ लू से बचाव करता है बल्कि शरीर में ठंडक तथा ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है.
- यह शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है.
- पेट से जुड़ी बीमारियों में यह रामबाण इलाज की तरह काम करता है. बेल में मौजूद पौधों के यौगिक अल्सर और रस पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, डायरिया, पेट दर्द यहां तक की गैस्ट्रिक गैस्ट्रिक अल्सर में भी राहत देते हैं.
- बेल में पोटेशियम ज्यादा मात्रा में होता है जो उच्च रक्तचाप तथा हाइपरटेंशन में काफी राहत दिला सकता है. यह धमनियों को सख्त होने से रोकता है, जिससे स्ट्रोक और हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होता है.
- पोटेशियम की ज्यादा मात्रा मूत्र के माध्यम से शरीर से अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने में भी मदद करती है.
- बेल के रस में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल गुण, फंगल और वायरल संक्रमण से बचा सकते हैं. साथ ही इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी गुण, हिस्टामाइन के कारण अंगों में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
- इसमें पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स जैसे फाइटोकेमिकल्स तथा एंटीऑक्सीडेंट, हृदय और लिवर की बीमारियों से भी बचाते हैं, हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं तथा शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं.
- यह खून को साफ करने में तथा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल गुण त्वचा के संक्रमणों तथा अन्य समस्याओं को दूर रखने में मदद करते हैं तथा त्वचा को स्वस्थ बनाते हैं.
- बेल का सेवन बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. यह बालों को जड़ों से मजबूत बनाने में मदद करता है तथा बालों के टूटने तथा झड़ने जैसी समस्याओं में राहत दिलाता है.
रुजुता दिवेकर के अनुसार यह शरीर में रक्त संचार को बेहतर करता है तथा इसके सेवन से स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है. जिसके चलते और भी कई समस्याओ से बचा जा सकता है.
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