हम सभी जानते हैं कि हम जो खाते हैं, वह हमारे स्वास्थ्य पर असर डालता है. हमारा आहार , हमारी कोशिकाओं के निर्माण तथा उसे संचालित करने वाली कई प्रक्रियाओं को अलग-अलग प्रकार से प्रभावित करता है.
हाल ही में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि पौष्टिक व पारंपरिक आहार का सेवन दवाओं के सेवन की तुलना में हमारे शरीर की कोशिकाओं तथा शरीर की अन्य कार्य प्रणालियों के कामकाज को मजबूत बनाने में ज्यादा सक्षम होता है. विशेषतौर पर मधुमेह, स्ट्रोक और हृदय रोग जैसी बीमारियों को दूर रखने के लिए उचित आहार, दवाओं से बेहतर परिणाम देता है. यही नही यदि आप अपने आहार को दुरुस्त रखते हैं और नियमित रूप से पारंपरिक व पौष्टिक भोजन ही ग्रहण करते हैं तो अपने शरीर पर बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम कर सकते हैं.
चयापचय स्वास्थ्य तथा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया पर असर
सिडनी विश्वविद्यालय के चार्ल्स पर्किन्स सेंटर द्वारा किया गए इस शोध में सामने आया है कि पौष्टिक आहार का हमारे चयापचय स्वास्थ्य तथा उम्र बढ़ने की प्रक्रिया पर अधिक प्रभाव पड़ता है. यही नही पौष्टिक व पारंपरिक आहार का प्रभाव, शरीर पर मधुमेह जैसी समस्या तथा बढ़ती उम्र के कारण होने वाली समस्याओं के प्रभाव को कम करने के लिए दी जाने वाली कुछ दवाओं की तुलना में अपेक्षाकृत ज्यादा तथा सकारात्मक रूप में नजर आता है.
चूहों पर हुआ परीक्षण
‘सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल’ में प्रकाशित इस शोध के निष्कर्षों में मुख्य शोधकर्ता तथा चार्ल्स पर्किन्स सेंटर के वरिष्ठ लेखक और अकादमिक निदेशक, प्रोफेसर स्टीफन सिम्पसन बताते हैं कि शोध में माना गया है कि आहार एक शक्तिशाली दवा है.
इस शोध में चूहों पर किए गए परीक्षण में यह जानकारी सामने आई है कि हमारे पोषण का उम्र बढ़ने और मेटाबॉलिज्म पर भारी प्रभाव पड़ता है. यहाँ तक की इसका प्रभाव डायबिटीज, स्ट्रोक तथा ह्रदय रोग के इलाज और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के असर की तुलना में काफी ज्यादा होता है. गौरतलब है कि इस परीक्षण में मधुमेहके इलाज और उम्र बढ़ने को धीमा करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली कुछ दवाइयों को भी शामिल किया गया था. परीक्षण के दौरान चूहों के समूहों को प्रोटीन, कार्ब्स, वसा, कैलोरी और दवाओं के 40 अलग-अलग संयोजन दिए गए थे.