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भारत में हेल्थकेयर, फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले कोविड वैक्सीन मिलनी चाहिए : विशेषज्ञ - high risk of infection to healthcare workers

कोविड-19 टीकाकरण को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स, बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को प्राथमिक रूप से वैक्सीन मिलनी चाहिए. इसके बाद ही अन्य कर्मचारियों को जो मरीजों के सीधे संपर्क में आते है.

Frontline workers should get vaccine first
फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले मिले वैक्सीन

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Published : Dec 11, 2020, 10:44 AM IST

कोविड-19 टीकाकरण को लेकर जहां सरकार अपनी तैयारी कर रही है, वहीं विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि जिन लोगों को संक्रमण का अधिक खतरा है, जैसे कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स, बुजुर्ग और किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे 50 से कम उम्र के व्यक्ति को पहले टीका लगाया जाना चाहिए.

फोर्टिस अस्पताल में मेडिकल स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशंस के ग्रुप हेड बिष्णु पाणिग्रही के मुताबिक, फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स कोविड वैक्सीन के लिए पहली कतार में होंगे.

उन्होंने कहा, 'आगे उन सभी लोगों को शामिल किया जाना चाहिए, जो नगरपालिका के कर्मचारी, सार्वजनिक परिवहन को चलाने वाले, फ्रंटलाइन पुलिसकर्मी, बिजली, पानी की आपूर्ति और आपदा प्रबंधन कर्मचारी हैं.'

पाणिग्रही ने आईएएनएस को बताया, 'उसके बाद फिर एक उम्र के लोगों का टीकाकरण और सभी उम्र के गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों का और अंत में सभी नागरिकों का टीकाकरण किया जाना चाहिए.'

हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि 30 करोड़ लोगों को प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों में सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें एक करोड़ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिस विभाग के दो करोड़ कर्मचारी, सशस्त्र बल, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा संगठन और कोमॉर्बिडिटीज (गंभीर बीमारी ) वाले 50 वर्ष से ऊपर और नीचे के 27 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है.

आईएएनएस से बात करते हुए, मुंबई स्थित फार्मास्युटिकल्स कंपनी एनएनटीओडी फार्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक, निखिल के मसुरकर ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, इसके बाद फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, बुजुर्ग आबादी और गंभीर बीमारी वाले 50 से कम उम्र के लोगों को दिया जाना चाहिए.

गुरुग्राम के नारायण अस्पताल पल्मोनरी एंड स्लीप मेडिसिन के सलाहकार डॉ. शीबा कल्याण बिस्वाल ने आईएएनएस को बताया, 'जहां तक तेजी से वायरस फैलने का संबंध है, प्रतिरक्षात्मक रोगियों, मधुमेह के रोगियों के साथ-साथ क्रॉनिक लंग, यकृत, गुर्दे की बीमारी के रोगियों, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्राथमिकता सूची में पहले स्थान पर होना चाहिए.'

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में संक्रामक रोग फीजिशियन डॉ. नेहा गुप्ता ने कहा, 'इसे उन लोगों को पहले देना चाहिए, जिनमें संक्रमण का खतरा अधिक है और हेल्थकेयर वर्कर्स, बुजुर्ग, मोटापे के रोगी, हृदयरोग वाले रोगी को इसे देने में प्राथमिकता बरतनी चाहिए.'

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