मकर संक्रांति त्योहार विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है, जैसे उत्तर प्रदेश में खिचड़ी पर्व, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण पर्व, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में पोंगल, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मकर संक्रांति, असम में भोगाली बिहू तथा पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है. भारत में सभी त्योहारों पर विशेष पकवान बनाने व खाने की परंपरा है. ये पकवान ज्यादातर समय, काल तथा मौसम के अनुसार होते है. इसी श्रृंखला में मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष रूप से तिल व गुड़ के पकवान बनाने व खाने की परंपरा है. इस पर्व पर कहीं तिल व गुड़ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं, तो कहीं चक्की बनाकर तिल व गुड़ का सेवन किया जाता है. तिल व गुड़ की गजक भी लोग खूब पसंद करते हैं.
तिल में मिलने वाले पोषक तत्व
तिल में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट्स, तांबा, लोहा, मैग्नीशियम आदि. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को कई तरीके से फायदा पहुंचाते हैं. जैसे कॉपर आर्थराइटिस की समस्या में मदद करता है, मैग्नीशियम नाड़ी तथा श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करता है. जबकि कैल्शियम माइग्रेन, पीएमएस, ऑस्टियोपोरोसिस तथा कोलोन कैंसर जैसी समस्या में मददगार साबित होता है.
गुड़ के फायदे
गुड़ औषधीय गुणों का खान कहा जाता है. यह एक ऐसा सुपर फूड है, जिसका उपयोग लोग सर्दियों में ज्यादा करते हैं, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप में शरीर को गर्मी पहुंचाता है. गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं.
तिल और गुड़ एक साथ खाने के फायदे
हम सब मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ से बने पकवान तो खाते हैं, लेकिन इसका कारण क्या है, यह ज्यादातर लोग नहीं जानते. जानकार बताते हैं की मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का सेवन करने के पीछे कारण यह है कि इस पर्व पर ज्यादातर स्थानों पर सर्दी अपने चरम पर होती है. सर्दी के मौसम में शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्मी की ज्यादा आवश्यकता होती है. तिल तथा गुड़ दोनों की ही तासीर गरम होती है तथा तिल में तेल प्रचुरता में पाया जाता है. तिल में मौजूद सेसमीन एंटीऑक्सीडेंट्स गुड़ में मिलकर उसके गुणों को बढ़ा देते हैं. तिल व गुड़ को मिलाकर जो पकवान बनाए जाते हैं, वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं. यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर तिल व गुड़ के व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं.
तिल के लड्डू तथा गजक के फायदे
- तिल तथा गुड़ से बने लड्डू या अन्य पकवान फेफड़ों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. तिल फेफड़ों में विषैले पदार्थों यानि टॉक्सिनस के प्रभाव को कम करने का भी काम करता है.
- तिल-गुड़ खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.
- तिल-गुड़ के लड्डू पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होते है. इसे खाने से एसिडिटी में तो राहत मिलती ही है, साथ ही कब्ज जैसी बीमारी में भी आराम मिलता है. तिल के लड्डू भूख बढ़ाने में भी मदद करते हैं.
- तिल और गुड़ से बने लड्डू तथा चिक्कियों में उर्जा भरपूर मात्रा में पायी जाती है. इनके सेवन से ना सिर्फ शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है, बल्कि बालों और त्वचा में चमक आती है.
तिल के लड्डू खाने से शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है. इसे खाने से शरीर की कमजोरी खत्म होती है. साथ ही यह तनाव तथा अवसाद से निजात दिलाने में भी मददगार होता है.