हैदराबाद : चिकित्सक तथा जानकार हमेशा ही जरूरी मात्रा में स्वस्थ तथा पोषक आहार खाने की सलाह देते हैं. दरअसल हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम तथा सभी तंत्रों के सुचारु रूप से चलने के लिए आहार से मिलने वाला पोषण बेहद जरूरी होता है. आहार से मिलने वाले आयरन, प्रोटीन, विटामिन तथा कैल्शियम आदि पोषक तत्वों व खनिजों का पोषण शरीर के सभी आंतरिक तंत्रों तथा प्रक्रियाओं को सुचारु तथा स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं. वहीं इन पोषक तत्वों से तथा कई आंतरिक शारीरिक क्रियाओं के चलते हमारे शरीर में कुछ खास प्रकार के तत्वों तथा द्रव्यों का निर्माण भी होता है जो अलग-अलग तरह से शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाते हैं.
हीमोग्लोबिन भी एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है. बल्ड (रक्त) में हीमोग्लोबिन की कमी को एनीमिया यानी खून की कमी का संकेत माना जाता है. वहीं यदि बल्ड में हीमोग्लोबिन जरूरत से ज्यादा कम होने लगे तो यह ना सिर्फ हमारी शारीरिक व मानसिक गतिविधियों को प्रभावित करता है बल्कि कई बार कम या ज्यादा गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है.
जरूरी है रक्त में हीमोग्लोबिन का आदर्श स्तर होना
दिल्ली की पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि हीमोग्लोबिन हमारी लाल रक्त कोशिकाओं यानी आरबीसी में पाया जाने वाला महत्वपूर्ण प्रोटीन है, जो रक्त के माध्यम से हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है. शरीर में जब हीमोग्लोबिन की मात्रा ज्यादा कम हो जाती है, तो शरीर के सभी अंगों, उत्तकों तथा कोशिकाओं में आवश्यक ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने लगती हैं. यह स्थिति कई रोगों तथा समस्याओं का कारण बन सकती हैं.
डॉ दिव्या बताती हैं कि पुरुषों, महिलाओं तथा बच्चों में इसकी आदर्श मात्रा अलग-अलग होती हैं जैसे सामान्य अवस्था में नवजात शिशु में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 17.22 ग्राम/डीएल माना जाता है, जबकि बच्चों में यह 11.13 ग्राम/डीएल होता है. वहीं वयस्क पुरुष के रक्त में हीमोग्लोबिन का आदर्श स्तर 14 से 18 ग्राम/डीएल और वयस्क महिला में 12 से 16 ग्राम/डीएलमाना जाता है. वयस्कों में आमतौर पर इस संख्या में एक या दो अंकों की कमी को ज्यादा गंभीर नहीं माना जाता है, लेकिन यदि रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर 8 ग्राम या उससे नीचे चला जाता है तो यह एक चिंतनीय स्थिति मानी जाती हैं. इस अवस्था में चिकित्सक से संपर्क बेहद जरूरी हो जाता है.
शरीर में एनीमिया के लक्षण
रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी या एनीमिया की समस्या होने पर पीड़ित लोगों में कई बार कम या ज्यादा तीव्रता में कुछ शारीरिक व मानसिक समस्याएं नजर आने लगती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- लगातार या जल्दी जल्दी सिर दर्द होना
- सांस फूलना तथा चक्कर आना
- थकान व कमजोरी
- शरीर में अकड़न महसूस होना
- निम्न रक्तचाप या लो बीपी
- शरीर में ऊर्जा में कमी
- चिड़चिड़ापन तथा घबराहट होना
- सीने में दर्द
- तेज या अनियमित दिल की धड़कन
- खून की कमी
- अधिक ठंड लगना और हाथ और पैर ठंडे होना
- एकाग्रता में कमी
- हड्डियों में कमजोरी
- कमजोर इम्यूनिटी या इम्यूनिटी से संबंधित रोग
- महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दर्द होना , आदि.
डॉ दिव्या बताती हैं कि रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी के लिए हमेशा शरीर में पोषण की कमी ही कारण नहीं होती हैं. कई बार अनुवांशिक कारणों से, जेनेटिक समस्याओं जैसे सिकल सेल एनीमिया आदि, कुछ रोगों या शारीरिक समस्याओं जैसे कैंसर, थैलेसीमिया, किडनी में समस्या, यकृत रोग , कुछ क्रोनिक स्वास्थ्य स्थितियां जैसे ऑटोइम्यून बीमारी, अस्थि मज्जा विकार तथा थायरॉयड रोग आदि के कारण भी हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो सकता है . इसके अलावा ऐसे लोग जिनके रक्त में हीमोग्लोबिन की संख्या अपेक्षित संख्या से ज्यादा कम होती है उनमें कभी-कभी अवसाद, उदासीनता, उनींदापन तथा चिड़चिड़ाहट व संज्ञानात्मक और तार्किक क्षमता में कमी जैसी समस्याएं भी देखी जा सकती हैं.