बच्चों में फलों का जूस पीने के फ़ायदों लेकर समय-समय पर कई प्रकार के शोध किए जाते रहे हैं. कुछ शोधों के अनुसार बचपन में जूस पीने की आदत बच्चों के स्वास्थ्य को काफी फायदा पहुंचा सकती है तो वहीं कुछ शोधों की माने तो कुछ विशेष प्रकार के फलों के जूस के चलते बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी नजर आ सकती हैं. हालांकि अधिकांश शोधों के निष्कर्षों में यही पाया जाता रहा है कि फलों तथा उनके जूस का सेवन बच्चों के स्वास्थ्य को सकारात्मक फायदे पहुंचाता है. इसी श्रंखला में कुछ समय पूर्व हुए एक शोध में यह बात भी सामने आई थी कि यदि बचपन में बच्चा नियमित रूप से जूस का सेवन करता है तो ना सिर्फ किशोरावस्था में उनमें जंक फूड के प्रति रुझान कम देखने में आता है, बल्कि आजीवन उनमें खाने-पीने की स्वस्थ आदतें बनी रहती हैं. साथ ही उनका वजन भी नियंत्रित रहता है.
क्या कहते हैं शोध के नतीजे
बीएमसी न्यूट्रीशन के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित इस शोध में अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अमेरिका में ही 3 से 6 साल तक की उम्र के बच्चों के खाने पीने में फलोंके शुद्ध जूस को शामिल कर लगभग एक दशक तक उनके खानपान तथा स्वास्थ्य के पैटर्न पर निगरानी रखी थी. इस शोध के नतीजों में पाया गया था कि यदि बच्चे अपने प्री स्कूल के दिनों से नियमित तौर पर अपने आहार में फलों के जूस का सेवन करते हैं तो उनके किशोरावस्था में आने से पहले ही खानपान की बेहतर आदतें विकसित होने लगती हैं, साथ ही उनका वजन अवशक्त से अधिक नहीं बढ़ता है.
गौरतलब है की वर्तमान जीवन शैली के प्रभाव के चलते आजकल बचपन के शुरुआती दिनों से किशोरावस्था तक आते-आते बच्चों के आहार की गुणवत्ता खराब होने लगती है. अधिकांश बच्चे इस आयु में फलों सब्जियों तथा अन्य प्रकार के स्वस्थ आहार को छोड़कर जंक व प्रोसेस्ड फूड की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं. जो उनकी सेहत पर बुरा असर डालते हैं.