लखनऊ: अमरूद स्वास्थ्य को ठीक रखता है, इसमें पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है. स्वाद और मिठास में बेहतर होने पर इनका बाजार भाव भी अच्छा मिलता है. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ( Central Institute of Subtropical Horticulture ) द्वारा विकसित की गयी अमरूद की प्रजातियां धूम मचा रहीं हैं. ये Guava species न सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक हैं बल्कि किसानों को भी मालामाल करने वाली हैं. इन प्रजातियों में Guava CISH नाम से जानी जाने वाली ललित, श्वेता, धवल और लालिमा प्रजातियां प्रमुख हैं. संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुशील शुक्ला के अनुसार, इन प्रजातियों के फल, परंपरागत रूप से प्रचलित प्रजातियों से बड़े होते हैं.
कृषि वैज्ञानिक सुशील शुक्ला बताते हैं कि प्रति 100 ग्राम अमरूद में नमी की मात्रा 81.70 प्रतिशत है जबकि 5.2 प्रतिशत फाइबर, 11.2 प्रतिशत कार्बोज, 0.9 प्रतिशत प्रोटीन, 0.3 प्रतिशत वसा के अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, आयरन आदि भी पाए जाते हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ के रहमान खेडा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ( CISH Rehmankheda ) द्वारा विकसित Guava की प्रजातियों की खासियत इस प्रकार है...
ललित -- इस प्रजाति के फल भीतर से गुलाबी एवं बाहर से आकर्षक लाल आभायुक्त केसरिया पीले रंग के होते हैं. फल का गूदा सख्त एवं शर्करा एवं अम्ल के उचित अनुपात के साथ ही गुलाबी रंग का होता है. ताजे उपभोग एवं परिरक्षण दोनों की ही दृष्टि से यह किस्म उत्तम पायी गयी है. इसके गूदे का गुलाबी रंग परिरक्षण के बाद भी एक वर्ष तक बना रहता है. यह किस्म Guava की लोकप्रिय किस्म इलाहाबाद सफेदा की अपेक्षा औसतन 24 प्रतिशत अधिक उपज देती है. इन्हीं गुणों के कारण यह प्रजाति व्यावसायिक खेती के लिए मुफीद है.
श्वेता-- यह एप्पल कलर किस्म के बीजू पौधों से चयनित खूब फलत देने वाली किस्म है. वृक्ष मध्यम आकार का होता है. फल थोड़े गोल होते हैं. बीज मुलायम होता है. फलों का औसत आकार करीब 225 ग्राम होता है. बेहतर प्रबंधन से प्रति पेड़ प्रति सीजन करीब 90 किग्रा फल प्राप्त होते हैं.
धवल-- यह प्रजाति इलाहाबाद सफेदा से भी लगभग 20 फीसद से अधिक फलत देती है. फल गोल, चिकने एवं मध्यम आकार (200-250 ग्राम) के होते हैं. पकने पर फलों का रंग हल्का पीला और गूदा सफेद, मृदु सुवासयुक्त मीठा होता है. बीज भी अपेक्षाकृत खाने में मुलायम होता है.