दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sukhibhava

आयुर्वेद से पाएं अनिद्रा से छुटकारा

नींद दिनचर्या की एक प्राकृतिक जरूरत है, जो हमारे शरीर में ऊर्जा भरती हैं. पर्याप्त नींद लेने में कठिनाई एक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ पर गहरा असर डालता हैं. नींद की कमी को दूर करने के लिए सुझाय गये आयुर्वेदिक उपायों का पालन करें.

Insomnia
अनिद्रा

By

Published : Aug 11, 2020, 12:37 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 9:33 AM IST

नींद हमारे शरीर और दिमाग दोनों की सबसे बड़ी जरूरत है. रोजाना की भागदौड़, जीवन की आपाधापी के बीच नींद एक ऐसा सुकून है, जो हमें ना सिर्फ मानसिक तौर पर तरोताजा रखती है, बल्कि हमारे शरीर में भी स्फूर्ति तथा ऊर्जा भरती है. लेकिन आज के इस तनाव ग्रस्त दौर में जहां लोगों के मन में भविष्य की अनिश्चितता को लेकर भ्रम है. अपने तथा अपनों के जीवन को लेकर डर है तथा जिजीविषा को लेकर तनाव है. ऐसे में कई लोगों की नींद जैसे उड़ ही गई है. वर्तमान परिस्थितियों में नींद न आने जैसी समस्या किस तरह हमारे शरीर और मस्तिष्क के लिए परेशनियां उत्पन्न कर सकती हैं. इस बारे में ETV भारत सुखीभवा टीम ने एएमडी मेडिकल कॉलेज हैदराबाद के प्रवक्ता तथा एमडी आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. राज्यलक्ष्मी माधवम से बात की.

क्यों जरूरी है नींद

डॉ. माधवम बताती हैं की एक अच्छी नींद शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए बिल्कुल औषधी के समान होती है. लेकिन वर्तमान परिस्थियों में जब चारों तरफ अनिश्चितता की स्थिति फैली हुई है, बच्चें हो या फिर बड़े सभी की नींद काफी प्रभावित हो रही है. दरअसल नींद एक जैविक प्रक्रिया है, जो हमारे शरीर के लिए उतनी ही जरूरी है, जितना की भोजन, पानी और हवा. नींद के दौरान हमारा शरीर उपचय स्थिति में प्रवेश करता है, जहां सभी शारीरिक तंत्रों, तंतुओं को आराम मिलता है, उनका पुनर्निर्माण होता है तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. बशर्ते हमारा शरीर कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद लें.

विक्षुब्ध नींद का शरीर पर प्रभाव

आवश्यकता से कम नींद, नींद पूरी ना होना या फिर बैचेनी या व्याकुलता के कारण अच्छी नींद न आना, ये सभी सीधे-सीधे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर डालते है. हमारे शरीर में साइटोकिन्स नाम के एक प्रोटीन का निर्माण होता है, जोकि शरीर की विभिन्न विपरीत प्रतिक्रियाओं को विनियमित करता है, बीमारी व संक्रमण को नियंत्रित करता है तथा प्रतिरक्षा प्रणाली में लगी कोशिकाओं को मजबूत करता है. हमारे शरीर में नींद की कमी साइटोकिन्स के कार्य में बाधा डालती है. वहीं एक अच्छी नींद की कमी के चलते हमारे शरीर के टी सेल्स यानि बेहतर सेहत के लिए लड़ने वाले सेल्स के कार्य में भी बाधा उत्पन्न होती हैं.

कैसे पाएं अच्छी नींद

डॉ. माधवम कहती हैं की अच्छी नींद के लिए सबसे जरूरी है, दिन के समय कार्यशील रहना. साथ ही प्राणायाम, ध्यान तथा कसरत जैसी गतिविधियां भी बेहतर शरीर और बेहतर नींद के लिए जरूरी होती हैं. जितना हो सके दिन में सोने से बचें. हालांकि गर्मियों में थोड़ी देर के लिए दिन में सोया जा सकता है, लेकिन बाकी के महीनों में दिन की नींद से परहेज करें. सुपाच्य और पौष्टिक खाना खाएं. जहां तक हो सके नशे ओर कैफीन से दूरी बना कर रखें. कोशिश करें की सोने से कम से कम 6 घंटे पहले तक किसी भी प्रकार के नशे, कैफीन या निकोटिन का सेवन ना करें. सोने से 2 या 3 घंटे पहले रात्री का भोजन कर लें.

नींद न आने की समस्या होने पर अभियांगया तथा शिरोधार्य जैसी आयुर्वेदिक चिकित्सीय गुणों से भरपूर तेलों की मालिश का इलाज लें. अपने आस पास का माहौल खुशबूदार, साफ सुथरा तथा सुन्दर रखें, जिससे मन खुश हो. सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से स्नान कर हल्के गुनगुने गरम दूध का सेवन करें तथा हो सके तो पांव में तिल के तेल की हल्की मालिश करें. इसके बाद भी यदि नींद आने में परेशानी का अनुभव हो तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर अश्वगंधा, जटामांसी, यष्टिमधु, ब्राह्मी, जायफल तथा शंखपुष्पी का सेवन किया जा सकता है.

डॉ. माधवम कहती हैं की नींद न आने पर किसी भी दवाई का सेवन करने से पहले प्रयास करें, अपनी जीवन शैली सुधारने का. समय पर सोयें, समय पर जागे, नियमित व्यायाम करें, मोबाईल तथा टीवी को कम समय दें. लेकिन उसके बाद भी यदि ऐसा लगता है की समस्या ठीक नहीं हो रही है तो, चिकित्सीय सलाह के बाद ही किसी भी दवाई का सेवन शुरू करें.

Last Updated : Aug 12, 2020, 9:33 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details