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Frozen Shoulder : कंधे को जाम कर सकती है फ्रोजन शोल्डर की समस्या

फ्रोजन शोल्डर दरअसल कंधों के स्टिफ होने की समस्या है. यह एक ऐसी समस्या है जो पीड़ित को कभी-कभी अपने सरल कार्यों के लिए भी दूसरों पर निर्भर होने के लिए मजबूर कर देती है, क्योंकि Frozen Shoulder में पीड़ित के कंधे जाम हो जाते हैं या उनमें मूवमेंट काफी ज्यादा कम या दर्दभरा हो जाता है. इसके कारण उसे अपने काम स्वयं करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. Frozen shoulder . Stiff Shoulders . Shoulder Dislocation .

Frozen Shoulder reason and precaution for Frozen shoulder pain
कंधे जाम होना - कॉन्सेप्ट इमेज

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Published : Apr 29, 2023, 10:07 AM IST

कंधे में फ्रोजन शोल्डर की समस्या आमतौर पर देखने-सुनने में आ ही जाती है. फ्रोजन शोल्डर से मतलब यह बिल्कुल नहीं होता है कि कंधा बर्फ की तरह जम गया है. लेकिन इस समस्या में कंधे में दर्द व अकड़न के साथ शोल्डर जॉइंट्स स्टिफ हो जाते हैं. जिससे उनमें मूवमेंट काफी कम या कुछ समय के लिए बिल्कुल बंद हो जाता है. ऐसे में कंधा जमने जैसी अनुभूति ही होती है. कई लोग Frozen Shoulder के लिए गठिया को भी जिम्मेदार मानते हैं, जो सही नहीं है. क्या है फ्रोजन शोल्डर की समस्या तथा यह किस तरह से यह पीड़ित को कुछ समय के लिए ही सही दूसरों पर आश्रित होने के लिए मजबूर कर सकती है, इस बारें में जानने के लिए ETV भरत सुखी भव ने अपने विशेषज्ञ से जानकारी ली.

क्या है फ्रोजन शोल्डर : What Is Frozen Shoulder
जयपुर के मुस्कान क्लिनिक के ऑर्थोपेडिक सलाहकार डॉ संजय राठी बताते हैं कि फ्रोजन शोल्डर या जिसे एडहेसिव कैप्सुलिटिस के नाम से भी जाना जाता है, दरअसल स्टिफ शोल्डर जॉइंट्स ( Stiff shoulder joints ) की समस्या है. वह बताते हैं कि हमारे कंधे में तीन हड्डियों, ह्यूमरस यानी ऊपरी बांह की हड्डी, स्कैपुला यानी शोल्डर ब्लेड तथा कॉलरबोन का जोड़ होता है जिसे “बॉल-एंड-सॉकेट” जोड़ कहा जाता है. कंधे के जोड़ के आसपास के ऊतकों को शोल्डर कैप्सूल कहा जाता है. फ्रोजन शोल्डर में कंधे में शोल्डर कैप्सूल सूजन के चलते धीरे-धीरे मोटे तथा कड़े होने लगते है, जो कंधे की मूवमेंट को रोक देते हैं या कम कर देते हैं. यह स्थिति कई बार काफी दर्दभरी हो सकती है.

कंधे जाम होना - कॉन्सेप्ट इमेज

फ्रोजन शोल्डर में जब समस्या अपने चरम पर होती है पीड़ित के लिए कंधे से जुड़ा कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है. जैसे बाल बनाना, सिर धोना, दांत साफ करना, कपड़े पहनना, तैयार होना और गाड़ी चलाना आदि. यहां तक की पीड़ित को हाथ को ऊपर उठाने में ही काफी समस्या होने लगती है या कई बार कुछ महीनों के लिए उसके कंधे की मूवमेंट ही लगभग बंद हो जाती है. जिससे उसे अस्थाई तौर पर ही सही लेकिन कुछ कामों के लिए दूसरों पर निर्भर होना पड़ सकता है.

कंधे जाम होना - कॉन्सेप्ट इमेज

Dr Sanjay Rathi Orthopedic Consultant Muskaan Clinic Jaipur बताते हैं कि आमतौर पर फ्रोजन शोल्डर की समस्या एक समय में एक ही कंधे में होती हैं लेकिन यह दोनों कंधों में एक साथ भी हो सकती हैं. वहीं इस समस्या की शुरुआत के बाद इसे चरम पर पहुंचने तथा फिर ठीक होने में काफी लंबा समय भी लग सकता है. इस समस्या की शुरुआत से लेकर उसके ठीक होने तक को चिकित्सक तीन चरणों में चिन्हित करते हैं.

Frozen Stage : फ्रीजिंग स्टेज
यह इस समस्या की शुरुआती अवस्था होती है, जिसमें शोल्डर कैप्सूल धीरे-धीरे सख्त होने शुरू होते हैं. इस अवस्था कंधे के किसी भी मूवमेंट में दर्द होने लगता है और धीरे-धीरे कंधे के हिलने डुलने में भी समस्या होने लगती है. इस अवस्था में पीड़ित को आमतौर पर रात में कंधे में दर्द ज्यादा होता हैं.जिसके चलते कई बार उसे सोने में भी समस्या हो सकती है.

Freezing Stage : फ्रोजन स्टेज
इस स्टेज में हालांकि दर्द थोड़ा कम होने लगता है लेकिन कंधे ज्यादा अकड़ने या सामान्य भाषा में जमने लगते हैं और उनमें मूवमेंट बहुत मुश्किल होने लगता है. यानी कंधे से जुड़ा कोई भी काम करने में समस्या होने लगती है.

ठीक होने का चरण
यह रिकवरी की अवस्था होती है. जिसमें पहले धीरे-धीरे दर्द में राहत मिलनी शुरू होने लगती है. साथ ही कंधों में मूवमेंट भी धीरे- धीरे शुरू होने लगता है. आमतौर पर ठीक होने का यह चरण मरीज की समस्या व उसके कारण के अनुसार 5 से 24 महीनों तक चल सकती है.

कारण : Frozen Shoulder Reason
Dr Sanjay Rathi बताते हैं कि फ्रोजन शोल्डर के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे कोई चोट, किसी तरह की बीमारी जैसे मधुमेह , हार्मोनल असंतुलन,स्ट्रोक, ह्रदय रोग, हाइपोथाइराईडिज़्म तथा पकिंसन रोग आदि. कई बार कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण भी यह समस्या हो सकती है. Muskaan Clinic Jaipur Dr Sanjay Rathi बताते हैं इसके अलावा दुर्घटना या किसी अन्य कारण से यदि व्यक्ति ज्यादा सक्रिय रूप से नहीं जी रहा है यानि वह लंबे समय तक हाथों व कंधे से जुड़ा काम नहीं कर रहे हैं तो भी यह समस्या हो सकती है. आमतौर पर यह समस्या 40 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों में ज्यादा देखने में आती है. वहीं पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में फ्रोजन शोल्डर के मामले ज्यादा देखने में आते हैं. कई लोगों को लगता है यह एक तरह का गठिया ही है जो सही नहीं है. गठिया की समस्या शरीर के सभी जोड़ों में होती हैं लेकिन फ्रोजन शोल्डर की समस्या सिर्फ कंधों में ही होती है और यह समस्या ठीक हो सकती है.

जांच तथा उपचार
Frozen Shoulder के जांच के लिए शारीरिक परीक्षण जैसे एमआरआई, एक्स-रे तथा हड्डी संबंधी जांच आदि कराई जाती है जिसमें बाद दवाओं व फिजियोथेरेपी की मदद से इसका उपचार किया जाता है. लेकिन कई बार कुछ खास मामलों में पीड़ित की अवस्था के अनुसार उनकी आर्थोस्कोपिक सर्जरी भी करनी पड़ सकती है. इसके इलाज में फिजियोथेरेपी तथा चिकित्सक द्वारा बताए गए तरीकों से घर में ही कंधे की देखभाल करना जैसे सिकाई व्यायाम आदि काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.

सावधानी
Orthopedic Dr Sanjay Rathi बताते हैं कि पिछले कुछ समय में लोगों में हड्डियों, मांसपेशियों व जोडों से जुड़ी समस्याओं के मामले काफी ज्यादा देखने में आने लगे हैं. इनके लिए दुर्घटना के अलावा समस्याओं को ट्रिगर करने वाली कोमोरबीटी व अन्य बीमारियों के मामलों की बढ़ती संख्या के साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी तथा हड्डियों व मांसपेशियों में कमजोरी के बढ़ते मामलों को भी जिम्मेदार माना जा सकता है.

कंधे जाम होना - कॉन्सेप्ट इमेज

बहुत जरूरी है कि सिर्फ हड्डियों व मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार व शारीरिक सक्रियता पर ध्यान दिया जाय. क्योंकि यदि शरीर स्वस्थ है तो ज्यादातर परेशानियां या तो होंगी ही नहीं या फिर कम प्रभाव के साथ जल्दी ठीक भी हो जाएंगी. इसके साथ ही शरीर में अचानक से नजर आने वाले परिवर्तनों, दर्द व समस्याओं को लेकर सचेत रहा जाय तथा जरूरत पड़ने पर खुद से इलाज करने कि बजाय चिकित्सक से परामर्श लिया जाय.

इसके अलावा जिन लोगों को Diabetes or heart disease जैसी कोमोरबीटी ( comorbidities ) या अन्य ऐसे रोग हों जो अन्य समस्याओं को ट्रिगर कर सकते हैं उन्हे स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. विशेषतौर पर frozen shoulder की बात करें तो इसका सही व जरूरी चिकित्सीय इलाज बहुत जरूरी है. इसलिए कंधे में अकड़न, दर्द या हाथ व कंधे को हिलाने में समस्या जैसे लक्षण नज़र आते ही चिकित्सक को दिखाना बेहद जरूरी होता है.

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