गर्मी के मौसम में फूड बॉर्न इलनेस तथा पाचन संबंधी समस्याओं के मामलें ज्यादातर बढ़ जाते हैं. जिनमें से एक फूड पॉइजनिंग भी है. Food poisoning के लिए आमतौर पर ज़्यादा गर्मी के कारण आहार के जल्दी खराब होने, बाहर खुले में रखा हुआ दूषित खाना खाने या जूस आदि पीने तथा आसपास कीट पतंगों या मक्खी-मच्छरों के चलते बैक्टीरिया व अन्य जीवाणुओं के कारण दूषित हुए आहार का सेवन करने को माना जाता है. Summer Health Tips . #FoodPoisoning
चंडीगढ़ के हेल्थ केयर क्लिनिक के चिकित्सक डॉ सुखबीर सिंह बताते हैं कि Food poisoning या अन्य Foodborne illness के लिए आमतौर पर दूषित आहार तथा अस्वच्छता जिम्मेदार होती है. वह बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि इस तरह समस्याएं अन्य मौसम में नजर नहीं आती हैं. फूड पॉइजनिंग के मामले हर मौसम में नजर आते हैं लेकिन विशेषकर गर्मी के मौसम में कीटाणु-जीवाणु, बैक्टीरिया या पैरासाइट ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. जिनके कारण खाना जल्दी खराब या दूषित हो जाता है. वहीं इस मौसम में कीड़े जैसे मक्खी, मच्छर या कॉकरोच आदि ज्यादा परेशान करने लगते हैं और वे आहार को दूषित करने का कार्य भी करते हैं. ऐसे में दूषित आहार का सेवन कई बार फूड पॉइजनिंग जैसी समस्या का कारण भी बन जाता है.
फूड प्वाइजनिंग का कारण : Food poisoning reason
Dr Sukhbir Singh Health Care Clinic Chandigarh बताते हैं कि फूड पाइजनिंग दरअसल एक तरह का पेट से संबंधित संक्रमण ही है जिसके लिए स्टैफिलोकोकस, ई. कोलाई, साल्मोनेला , लिस्टेरिया तथा क्लोस्ट्रीडियम आदि कई बैक्टीरिया, वायरस या जीवाणु कारण बन सकते हैं. फूड पॉइजनींग के लिए ज्यादातर मामलों के शरीर में बोटयूलिज़्म नामक टॉक्सिन के ज्यादा बनने को भी जिम्मेदार माना जाता है जो बैक्टीरिया या वायरस जनित आहार या विषैले तत्व युक्त आहार के सेवन से हमारे शरीर में बनता है. बोटयूलिज़्म को फूड प्वाइजनिंग का सबसे प्रचलित प्रकार भी माना जाता है. वहीं ऐसे लोग जिनका पाचन तंत्र कमजोर होता है उन्हें भी अक्सर यह समस्या हो जाती है . इस अवस्था में आमतौर पर थोड़ी सावधानी बरत कर ही यह अपने आप ठीक हो जाती है.
Health Care Clinic Chandigarh Dr Sukhbir Singh बताते हैं कि इस तरह के रोग के लिए कई बार कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी जिम्मेदार होती है. यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो तो ज्यादातर मामलों में या तो आहार के कारण शरीर में पहुंचने वाले बैक्टीरिया या वायरस शरीर के पाचन तंत्र या अन्य तंत्रों पर ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा पाते हैं, वहीं यदि इस तरह की समस्या हो भी जाए तो आमतौर पर पीड़ित को उसके ज्यादा गंभीर प्रभावों का सामना नहीं करना पड़ता है. Dr Sukhbir Singh बताते हैं कि सामान्य भाषा में कहा जाय तो फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्या के लिए अस्वच्छ आहार, अस्वस्थ जीवन शैली और स्वच्छता में लापरवाही जिम्मेदार होती है. आमतौर पर जिन कारणों को इसके लिए मुख्य तौर पर जिम्मेदार माना जाता है उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- दूषित, अधपका या बासी खाना खाने से.
- खाना बनाने में गंदे या दूषित पानी का इस्तेमाल करने से.
- खाना पकाने से पहले सब्जियों को या फलों को खाने से पहले उन्हे साफ पानी से अच्छे से ना धोना.
- खराब डेयरी उत्पादों का सेवन करने से जैसे बासी दही, बासी दूध आदि.
- मांसाहार विशेषकर सी फूड को पकाने से पहले उसे अच्छे से ना धोने या उसे कम पकाने के कारण.
- खाने के सामान को ढक कर न रखना .
- रसोई में, खाना पकाते समय, खाते समय तथा खाना खाने वाले स्थान पर जरूरी स्वच्छता का ध्यान ना रखना.
- सड़क के किनारे ठेलों या ऐसी जगह से कुछ खाना जहां खाने की चीजों को ढक कर रखा नहीं गया हो, जहां धूल मिट्टी व गंदगी ज्यादा हो तथा जहां मक्खियां तथा अन्य कीड़े ज्यादा हों.
- अस्वच्छ जगह से जूस या कोई भी पेय पदार्थ पीना.
- खाना बनाने या कुछ भी खाने से पहले हाथों को अच्छे से ना धोना, आदि.