आमतौर पर महिलाओं में 45 वर्ष की आयु के बाद रजोनिवृत्ति यानी मासिक धर्म के बंद होने की प्रक्रिया होती है. महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए माहवारी बहुत अहम होती है, लेकिन जब यह प्रक्रिया बंद होती है तो ऐसे में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. उन्हें कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. लेकिन यदि रजोनिवृत्ति समय से पहले हो तो महिलाओं में अलग-अलग प्रकार की समस्याएं या रोग ज्यादा प्रभाव दिखा सकते हैं. ऐसी अवस्था में बहुत जरूरी है कि महिलाएं अपने आहार या जीवनशैली का विशेष ध्यान रखें.
समय से पहले रजोनिवृत्ति के कारण
उत्तराखंड की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विजयलक्ष्मी बताती हैं कि समय से पूर्व रजोनिवृत्ति या प्री मेनोपॉज के कई कारण हो सकते हैं. वहीं अलग-अलग महिलाओं में समय से पूर्व रजोनिवृत्ति के अलग-अलग लक्षण नजर आ सकते हैं. लेकिन कई बार ऐसा भी हो सकता है कि कुछ महिलाओं में रजोनिवृत्ति के दौरान किसी प्रकार के लक्षण नजर आएं ही नहीं, या बहुत हल्के स्वरूप में नजर आएं.
वह बताती हैं कि प्री मेनोपॉज के लक्षण, सामान्य मेनोपॉज जैसे ही होते हैं. जैसे व्यवहारिक समस्याएं (मूड डिसॉर्डर, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, घबराहट आदि) बढ़ जाना, अचानक गर्मी लगना, बार-बार पेशाब आने की समस्या, योनि/वेजाइना में सूखापन बढ़ जाना तथा खुजली होना, रात में पसीना आना, सेक्स के दौरान असुविधा महसूस होना तथा स्तनों में सूजन तथा असहजता आदि.
डॉ. विजयलक्ष्मी बताती हैं कि प्री मेनोपॉज के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
- पारिवारिक इतिहास/ आनुवंशिकता:यदि परिवार में पहले से प्री मेनोपॉज का इतिहास रहा हो तो महिलाओं में प्री मेनोपॉज हो सकता है.
- हार्मोनल समस्याएं तथा ऑटो-इम्यून रोग: कई बार महिलाओं में सेक्स क्रोमोसोम में असामानता तथा अन्य हार्मोनल समस्याओं के कारण प्री मेनोपॉज हो सकता है. वहीं, कई बार एस.एल.ई यानी सिस्टमिक ल्यूपस एरीटामेटोसस तथा थायरॉइडाइटिस जैसे ऑटो-इम्यून विकार भी प्री मेनोपॉज का कारण बन सकते हैं.
- कोमोरबीटी : मधुमेह या कुछ अन्य कोमोरबीटी का ज्यादा प्रभाव भी कई बार महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज का कारण बन सकता है.
- अंडाशय या गर्भाशय को हटाना:कैंसर, हार्मोनल समस्या, सिस्ट या किसी भी अन्य गंभीर रोग के चलते यदि शरीर से अंडाशय या गर्भाशय हटाना पड़ा हो तो भी महिला में समय से पूर्व मासिक धर्म बंद हो जाता है. इसके अलावा कई बार कैंसर या किसी अन्य रोग के इलाज के दौरान कीमोथेरेपी तथा रेडियोथेरेपी जैसे उपचारों के पार्श्वप्रभावों के चलते महिलाओं में प्री मेनोपॉज हो सकता है.