कोरोनाकाल में महामारी से बचने के लिए उचित सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है, लेकिन कई बार हमारी नजरों में कई ऐसे लोग भी आते हैं, जिन्हें हम बिना मास्क लगाए सड़कों पर घूमते हुए देखते हैं और कई लोग ऐसे भी हैं जो इन्हें हर वक्त पहने रहते हैं. इस पर ही हुए एक शोध का नतीजा अब सामने आया है. भारतीय-अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा किए एक शोध में यह चेताया गया कि एक्सहेलेशन वाल्व वाले मास्क के साथ फेस शील्ड पहनने के बाद भी कोरोना की चपेट में आसानी से आया जा सकता है.
अगर कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता है, तो उसकी छींटों से निकलने वाले वायरस फेस शील्ड की दीवारों में घूमते रहते हैं.
फ्लोरिडा अटलांटिक यूनीवर्सिटी (एफएयू) में सीटेक के निदेशक, प्राध्यापक, डिपार्टमेंट ऑफ चेयर मनहर धनक कहते हैं, 'समय के साथ ये ड्रॉपलेट्स सामने और पीछे की ओर दोनों ही दिशाओं में काफी बड़े पैमाने पर फैलते हैं, हालांकि वक्त की अधिकता के साथ इनके असर में कमजोरी आती जाती है.'
शोधपत्र के मुख्य लेखक सिद्धार्थ वर्मा रहे हैं, जिनके साथ मिलकर प्रोफेसर धनक ने इसका सह-लेखन किया है. उनके इस काम में जॉन फ्रैंकफील्ड भी साथ रहे हैं, जो एफएयू के डिपार्टमेंट ऑफ ओशन एंड मेकैनिकल इंजीनियरिंग के तकनीकि विशेषज्ञ हैं.