वाशिंगटन : एक नए अध्ययन में कोविड-19 के इलाज के लिए चिकित्सकों द्वारा अनुशंसित हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) को लगभग 17 हजार मौतों से जोड़ा जा रहा है. यह मलेरिया की दवा है, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज में भी बड़े पैमाने पर किया गया था. न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि मार्च से जुलाई 2020 तक कोविड-19 की पहली लहर के दौरान बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों को एचसीक्यू दिए जाने के बाद छह देशों में लगभग 17 हजार लोगों की मृत्यु हो गई होगी.
कोविड-19 महामारी के दौरान, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकियों से एचसीक्यू लेने का आग्रह किया था, जो एक मलेरिया-रोधी दवा है. इसका उपयोग अक्सर संधिशोथ और ल्यूपस (Rheumatoid Arthritis And Lupus) को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. उन्होंने दावा किया था कि वह खुद "चमत्कारी" दवा ले रहे थे.
बायोमेडिसिन एंड फार्माकोथेरेपी के फरवरी अंक में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि मौतों की संख्या में वृद्धि हृदय गति में निरंतरता की कमी और मांसपेशियों की कमजोरी जैसे दुष्प्रभावों के कारण हुई. न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन किए गए देश अमेरिका, तुर्की, बेल्जियम, फ्रांस, स्पेन और इटली थे. अमेरिका में इस कारण सबसे अधिक 12,739 मौतें हुईं. इसके बाद स्पेन (1,895), इटली (1,822), बेल्जियम (240), फ्रांस (199) और तुर्की (95) हैं.
शोधकर्ताओं ने कहा कि मौतों की संख्या बहुत अधिक हो सकती है क्योंकि उनके अध्ययन में मार्च और जुलाई 2020 के बीच केवल छह देशों को शामिल किया गया है. वैज्ञानिकों ने विभिन्न अध्ययनों का विश्लेषण किया, जिसमें कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने और दवा के संपर्क और इससे संबंधित जोखिम पर नजर रखी गई.