बिना सुरक्षा, शारीरिक संबंध बनाये जाने या अंतरंगता के दौरान कान्डोम के फटने जैसी दुर्घटना होने पर गर्भावस्था से बचने में मॉर्निंग-आफ़्टर पिल्स यानी इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स मददगार हो सकती हैं। आमतौर पर आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां के कुछ ब्रांड के डब्बों पर लिखे ब्यौरों में बताया जाता है की असुरक्षित सेक्स संबंध बनाने के 72 घंटों के भीतर एक गोली महिलाओं को अनचाहे गर्भधारण से मुक्ति दिला सकती है। पिछले कुछ सालों में इन पिल्स का इस्तेमाल करनेवाली महिलाओं की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन जानकारी के अभाव में बहुत सी महिलायें इन दवाइयों और सामान्य गर्भ निरोधक के बीच के अंतर को समझ नहीं पाती हैं, और बिना जरूरत इनका इस्तेमाल करती हैं, जो ठीक नहीं है और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इमर्जेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव होने के साथ ही कई भ्रम भी हैं।
क्या हैं आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां(ईसी)
आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां का इस्तेमाल महिलायें असुरक्षित सेक्स या संबंधों के दौरान कान्डोम के फटने जैसी गड़बड़ी होने पर अनचाही और असमय प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए करती हैं।
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा जैन बताती हैं निर्देशों के अनुसार लिए जाने पर यह अवांछित गर्भावस्था से बचने का सुरक्षित तरीका हो सकता है, लेकिन यह शत प्रतिशत सफल हो यह जरूरी नहीं है। साथ ही इसका सेवन सामान्य गर्भनिरोधक गोली की तरह नहीं किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल तब किया जा सकता हैं, जब असुरक्षित तरीके, बिना प्रोटेक्शन या गलती से यौन संबंध बनाए गए हों। यदि इसका सेवन इमरजेंसी में किया जाय तो सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन लगातार इसका सेवन ठीक नहीं है।