आत्याधुनिक जीवनशैली और तकनीकि के इस युग में सारी दुनिया आपकी जेब में यानि मोबाइल में सीमित है. प्रगति के नजरिए से देखें तो यह एक अच्छी बात है, लेकिन इसके कारण बहुत से युवा पथभ्रमित भी होने लगे है और समय से बहुत पहले ही सेक्स, नशा और सिगरेट जैसी व्यस्क आदतों का शिकार होने लगे हैं. आज के युवा इंटरनेट और फोन की वर्चुअल दुनिया में सेक्स, उन्माद और अपराध सहित उन तमाम विषयों का विस्तार से आनंद ले रहे हैं, जो हमारे समाज में अमर्यादित माना जाता हैं.
युवाओं पर इस दुनिया में कोई रोक-टोक या यूं कहें सेंसर नहीं है. लेकिन इस उन्मत्त प्रवृत्ति का देर सवेर युवाओं के स्वास्थ्य पर गलत असर भी पड़ रहा है. विशेषज्ञों की माने तो युवा पुरुषों में यौनिक अस्वस्थता तो बढ़ी ही है, साथ ही तनाव, गुस्सा जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं.
पोर्न साइट्स का यौन संबंधों पर प्रभाव
एंडरोकेयर तथा एंडरोलॉजी संस्थान हैदराबाद के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. राहुल रेड्डी बताते है कि आज के समय में युवाओं का एक बड़ा प्रतिशत अर्न्तसंबंधों के बारे में पोर्न वेब साइट्स से जानता है. उनके लिए शारीरिक संसर्ग का वो ही प्रकार सत्य है, जोकि उन्होंने देखा है. लेकिन जब वह असलियत में उन संबंधों के साक्षी बनते हैं, जोकि कल्पना से काफी अलग होती है, तो वह मानसिक तनाव का शिकार होने लगते हैं.
नपुंसकता के होते है शिकार
आजकल कम उम्र में शरीर सौष्ठव यानि बॉडी बिल्डिंग को लेकर भी युवा काफी उत्साहित रहते हैं. जिसके लिए लगातार जिम अभ्यास के साथ ही वे प्रोटीन पाउडर सहित कुछ ऐसी दवाइयां या सप्लीमेंट भी लेते है. जिनका शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है. गौरतलब है कि वजन उठाने सहित कई कसरतों के लिए शरीर में ज्यादा टेस्टोस्टेरोन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में यदि शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने लगती है, तब भी पुरुषों में नपुंसकता जैसी बीमारियां उत्पन्न होने लगती है. इसके अलावा नशे के आदी पुरुषों में यह समस्या देखने सुनने में आती है.
निजी संबंधों में आती है दूरी
मनोवैज्ञानिक डॉ. वीना कृष्णन बताती हैं की सिर्फ पोर्न साइट ही नहीं बल्कि ओटीटी प्लेटफार्म यानि मोबाइल में चलने वाले मनोरंजन चैनलों पर धारावाहिकों के नाम पर सॉफ्ट पोर्न परोसा जा रहा है. ऐसे में उत्तेजना और काल्पनिकता से भरा शारीरिक संसर्ग ही उनके लिए सत्य होता है. ऐसे में जब वह असलियत में इस संबंधों का साक्षी बनता है, तो उसे काफी निराशा होती है. निजी संबंधों के दौरान भी कई बार उसके मन में वहीं पलों को दोहराने की कोशिश करता है, जो कि उसने देखें हैं, लेकिन कल्पना और वास्तविकता के बीच का फर्क देखकर वह स्वयं को नाकाबिल मानने लगता है.
कुछ युवा उत्तेजना की आस में बहुत कम उम्र में हस्तमैथुन के आदी हो जाते है. ये सभी कुछ ऐसे तत्व हैं, जिनसे उनके यौनिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी काफी असर पड़ता है. वह अपने साथी के साथ उनके शारीरिक तथा भावनात्मक रिश्ते को सुखद नहीं रख पाते हैं, जिसके चलते रिश्तों में तनाव बना रहता है. और कई बार रिश्ते टूटने की नौबत भी आ जाती है.