नई दिल्ली : IDSP - IHIP (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों द्वारा H3N2 सहित इन्फ्लूएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है. इसमें जनवरी में 1245 मामले शामिल हैं. फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले आए. एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP ), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ( NCDC ) द्वारा ओपीडी और स्वास्थ्य सुविधाओं के आईपीडी में पेश होने वाले इन्फ्लुएंजा जैसे बीमारी ( ILI ) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण ( SARI ) के मामलों की वास्तविक समय निगरानी की जाती है.
H3N2 influenza के अलावा, दो अन्य महत्वपूर्ण परिसंचारी इन्फ्लुएंजा ए एच1एन1, इन्फ्लुएंजा बी वैक्टीरिया हैं. हालांकि जिम्मेदार के रूप में ICMR डेटा कोविड-19 वायरस, स्वाइन फ्लू ( H1N1 ), एच3एन2, और इन्फ्लुएंजा बी वायरस के मौसमी वैक्टीरिया और यामागाटा वंशावली से लेकर श्वसन वायरस के संयोजन की रिपोर्ट करता है. इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी वृद्धि दर्ज की गई है, क्योंकि रविवार को दैनिक कोविड मामले 524 दर्ज किए गए थे.
Influenza A subtype H3N2 virus ( इन्फ्लूएंजा ए सबटाइप एच3एन2 वायरस ) के मामले में डॉक्टरों ने लोगों से खुद दवा लेने से बचने का आग्रह किया. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की सीनियर फैकल्टी शीतल वर्मा ने कहा, इन्फ्लूएंजा ए वायरस उप-प्रकार एच3एन2 कोई नई बात नहीं है. लोगों को पीड़ित होने पर बगैर डॉक्टर के सलाह के खुद दवा लेने से बचना चाहिए. घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है.