नई दिल्ली : एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एस्पार्टेम, खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले कृत्रिम मिठासों में से एक है, जिसे जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की कैंसर अनुसंधान शाखा द्वारा कैंसर पैदा करने वाले एजेंट के रूप में घोषित किए जाने की संभावना है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) जुलाई में कोका-कोला डाइट सोडा से लेकर मार्स एक्स्ट्रा च्यूइंग गम तक के उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले एस्पार्टेम को "संभवतः मनुष्यों के लिए कैंसरकारी" के रूप में सूचीबद्ध कर सकती है.
कथित तौर पर इस महीने की शुरुआत में इस फैसले को अंतिम रूप दिया गया, एस्पार्टेम के खिलाफ सभी प्रकाशित साक्ष्यों पर आधारित है और इसमें खाद्य योजकों ( Food additives ) पर डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें भी शामिल हैं, जिन्हें JECFA (संयुक्त डब्ल्यूएचओ और खाद्य और कृषि संगठन की खाद्य योजकों पर विशेषज्ञ समिति) व साथ ही राष्ट्रीय नियामकों के रूप में जाना जाता है. IARC ने कहा कि उसने जून की समीक्षा में 1,300 अध्ययनों का आकलन किया था.
आईएआरसी के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि निष्कर्षों को जुलाई तक गोपनीय रखा जाता है. हालांकि, प्रवक्ता ने कहा, "निष्कर्ष कैंसरजन्यता को समझने के लिए पहला मौलिक कदम है." जबकि IARC की पहले ऐसे पदार्थों या स्थितियों से बचने के लिए अनावश्यक चिंता पैदा करने के लिए आलोचना की गई थी, 2015 में ग्लाइफोसेट के "संभवतः कैंसरकारी" घोषित होने के बाद, मुकदमे हुए और निर्माताओं पर व्यंजनों को फिर से बनाने और विकल्पों को बदलने के लिए दबाव डाला गया.